जबलपुर : भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल के प्रथम नगर आगमन से पहले ही जबलपुर में राजनीतिक उबाल तेज़ हो गया है. स्वागत की तैयारियों के बीच शहर में लगाए गए होर्डिंग्स और पोस्टरों को सरेआम फाड़े जाने की घटना ने भाजपा की आंतरिक कलह को सार्वजनिक कर दिया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन पोस्टरों को फाड़ा गया, उनमें एक प्रमुख केंद्रीय नेता और सांसद आशीष दुबे की तस्वीर सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त की गई है। इससे यह स्पष्ट संकेत जा रहा है कि शहर की राजनीति में सत्ता और नेतृत्व को लेकर गहराया असंतोष अब सड़क पर उतर आया है.
तस्वीर के ठीक ऊपर लगाया चीरा-
घटना शहर के एक प्रमुख चौराहे की है, जहां लगे एक स्वागत पोस्टर को जानबूझकर फाड़ा गया. पोस्टर में सांसद आशीष दुबे की तस्वीर के ठीक ऊपर से चीरा लगाकर उसे बिगाड़ दिया गया, जबकि अन्य नेताओं द्वारा लगाए गए पोस्टर में बाकी नेताओं की तस्वीरें जस की तस रहीं. यह कोई सामान्य शरारत नहीं, बल्कि सुनियोजित संदेश देने का प्रयास प्रतीत होता है कि पार्टी के भीतर ही कोई एक धड़ा सांसद को नीचा दिखाने पर आमादा है.
द्वंद्व नेतृत्व’ का जीवंत उदाहरण-दिनेश,
इस प्रकरण ने विपक्ष को भी हमला बोलने का मौका दे दिया है। कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर भाजपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक पोस्टर नहीं फाड़ा गया है, बल्कि भाजपा के भीतर की दरारें उजागर हुई हैं. जब अपने ही सांसद को सम्मान नहीं दिया जा रहा, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है?” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश स्तर से लेकर शहर स्तर तक पार्टी दो धड़ों में बंट चुकी है, और यह घटना उसी ‘द्वंद्व नेतृत्व’ का जीवंत उदाहरण है.
एकता पर उठे सवाल-
गौरतलब है कि भाजपा को अनुशासन के लिए जाना जाता हैं लेकिन सवाल अब उठने लगे हैं कि क्या भाजपा की यह आंतरिक खींचतान नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष के पहले ही दौरे पर पानी फेर देगी? क्या सांसद आशीष दुबे की उपेक्षा और सरेआम अपमान का यह दृश्य संगठन की एकता पर सवाल नहीं खड़े करता,
संगठन ने साधी चुप्पी-
भाजपा संगठन की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी में चल रही अंतर्कलह अब ‘पोस्टर वॉर’ के रूप में जनता के सामने आ चुकी है. इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा और इस ‘कटे हुए पोस्टर’ ने उस स्याह हकीकत की तस्वीर पेश कर दी है, जिसे अब न तो दबाया जा सकता है और न ही छुपाया.