डिजिटल डेस्क। आगरा में एक ऐसी घटना हुई जिसमें बाप और बेटा दोनों में ही झगड़ा हो गया। इस झगड़े ने हिंसक हमले का रूप ले लिया। बाप ने बेटे पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे बेटे की मौत हो गई। विवाद की वजह यह थी कि बाप उसकी बहू पर गंदी नजर रख रहा था। बेटे को पता चला तो वह अलग रहने लगा लेकिन फिर भी घटना घट ही गई।
यह है पूरा मामला
- एसीपी मयंक तिवारी ने बताया हत्या की जांच में सामने आया कि चरन सिंह बहू पर गलत नजर रखता था।
- बेटे पुष्पेंद्र को इसकी भनक लग गई तो वह पत्नी के साथ मथुरा रहने लगा।
- होली पर जब वह घर आया तो पिता ने इस बात पर क्लेश किया कि अकेला क्यों आया।
- पिता-पुत्र दोनों नशे में थे। पिता ने गुस्से में चाकू से प्रहार करके बेटे की हत्या कर दी थी।
- इसके बाद कारतूस जख्म के अंदर डाल दिया था। पास में तमंचा भी रख दिया।
- इसके बाद पुलिस को बेटे द्वारा आत्महत्या किए जाने की कहानी सुनाई।
आत्महत्या का रूप देने की कोशिश
उसने अपने ही बेटे की सीने में चाकू मारकर हत्या की। इसके बाद जख्म में जिंदा कारतूस और बगल में तमंचा रख दिया। पिता ने तमंचे से गोली मारकर बेटे की आत्महत्या की कहानी सुनाई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर पुलिस चौंक गई। इसके बाद साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिए। चार माह बाद मजबूत साक्ष्य जुटाकर पुलिस ने आरोपित पिता को जेल भेज दिया।
होली पर घर आया था
14 मार्च को 26 वर्षीय पुष्पेंद्र चौहान की अस्पताल में मौत हुई थी। पिता चरन सिंह ने पुलिस को बताया कि पुष्पेंद्र अपनी पत्नी नीलम के साथ मथुरा में रहता था। होली पर वह घर आया था। पुष्पेंद्र की मां की मौत पहले ही हो चुकी थी। घर में पिता के अलावा पुष्पेंद्र की दादी चंद्रवती भी मौजूद थीं। पिता द्वारा सुनाई गई आत्महत्या की संदेहास्पद कहानी के बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पुलिस चौंक गई।
गोली लगने से ऐसा जख्म नहीं होता
पुष्पेंद्र के सीने में दो सेंटीमीटर का जख्म था। गोली लगने से ऐसा जख्म नहीं होता। जख्म में अंदर कारतूस मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से मौत का मामला नहीं निकला। इसमें कहा गया कि मौत धारदार हथियार से हुए जख्म से अत्यधिक रक्तस्राव से हुई है। पुलिस ने पिता और दादी से पूछताछ की थी। उन्होंने कुछ नहीं बताया था।