हादसों पर लगेगा ब्रेक: प्रशासन, जनप्रतिनिधि और जनता ने थामा सड़क सुरक्षा का जिम्मा, प्रदेश में पहली बार ऐसा बड़ी मुहिम

डीडवाना-कुचामन: राजस्थान प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा की किसी जिले में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से अब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आमजन एकजुट होकर काम करेंगे. सड़क हादसों की रोकथाम के लिए डीडवाना-कुचामन जिले में मोर्चा बना है. इसी दिशा में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा गठित संसदीय सड़क सुरक्षा समिति की पहली बैठक का आयोजन डीडवाना में किया गया. बैठक की अध्यक्षता नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने की, जिसमें जिले में सड़क सुरक्षा से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.

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सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक समग्र और व्यावहारिक कार्ययोजना की आवश्यकता है. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले के सभी टोल प्लाजा पर 24 घंटे एंबुलेंस सेवाएं सुचारू रूप से उपलब्ध रहनी चाहिए, ताकि दुर्घटना के तुरंत बाद राहत मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रॉमा सेंटर की स्थापना अनिवार्य होनी चाहिए, जिससे आपातकालीन स्थिति में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा दी जा सके.

बेनीवाल ने कहा कि सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिले में वाहनों की गति सीमा निर्धारित की जाए और उसका सख्ती से पालन कराया जाए. उन्होंने सभी विभागों से कहा कि वे आपसी समन्वय के साथ जिले के लिए एक ठोस, व्यावहारिक और समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करें तथा उसका ईमानदारी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि हर स्तर पर नागरिकों में यातायात नियमों के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित हो.

उन्होंने यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और प्रशासन को निर्देश दिए कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जाए और नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की जाए. सांसद ने आमजन से अपील की कि वाहन चलाते समय उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट का उपयोग करें और ट्रैफिक नियमों का पालन कर न केवल अपनी, बल्कि दूसरों की जान की भी सुरक्षा करें.

बैठक में सदस्य के रूप में शामिल हुए भूराराम शेषमा (कुचामन सिटी), गुलशेर खान (डीडवाना) और एडवोकेट जगदीश ने आमजन की तरफ से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए अपने व्यावहारिक सुझाव साझा किए. उन्होंने कहा कि रात्रि के समय होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों के गले और सींगों पर रेडियम टैग लगाए जाएं. इसके अलावा, बाल वाहनों और भारी वाहनों की नियमित तकनीकी जांच की जाए ताकि लापरवाह और अनियमित संचालन पर रोक लगाई जा सके. आमजन ने यह भी सुझाव दिया कि जिले की प्रमुख और क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराई जाए, जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं कम की जा सकें.

बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत ने जानकारी दी कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है. यह समिति जिलेभर में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने के साथ-साथ सड़क की तकनीकी खामियों को दूर करने पर काम करेगी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर है और सभी संबंधित विभाग मिलकर जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे. इसके साथ उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए नवाचार के रूप में डीडवाना-कुचामन जिले में पहली बार जिला प्रशासन की तरफ से आगामी 21 जुलाई को सैफ आई सेफ हाइवे अभियान भी शुरू किया जाएगा.

इस अहम बैठक में मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, जिला प्रमुख भागीरथ चौधरी, पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद, अतिरिक्त जिला कलेक्टर महेंद्र मीणा, जिला परिषद सीईओ रविन्द्र कुमार, जिला परिवहन अधिकारी सुप्रिया विश्नोई सहित सभी उपखंड अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक का उद्देश्य न केवल चर्चा करना था, बल्कि व्यवहारिक योजनाओं को अमल में लाकर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस ढांचा तैयार करना भी था. यह स्पष्ट है कि जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और आमजन की संयुक्त भागीदारी से जिले में सड़क सुरक्षा की स्थिति में सकारात्मक बदलाव संभव है.

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