टमस नदी की बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला का रेस्क्यू ऑपरेशन, प्रशासन और टीम की तत्परता से बची जान

मध्यप्रदेश: रीवा और मऊगंज जिलों में 16 तथा 17 जुलाई को लगातार वर्षा के कारण सभी नदी-नालों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई. सतना जिले में भी लगातार वर्षा के कारण टमस नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ा. ऐसी स्थिति में टमस और महाना नदी से घिरे हुए जवा तहसील के भनिगवां गांव में आवागमन के सभी मार्ग बंद हो गए. ऐसी कठिन परिस्थिति में गांव में गर्भवती महिला प्रियंका गुप्ता को पेट में दर्द की शिकायत हुई.

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आशा कार्यकर्ता साधना तिवारी ने स्थानीय स्तर पर उपचार का प्रयास किया, लेकिन प्रियंका गुप्ता का दर्द बढ़ता गया. उनका जीवन और अजन्मे शिशु की रक्षा एक चुनौती बन गई. शिशु के जन्म के लिए चिकित्सकों द्वारा अगस्त के अंतिम सप्ताह का समय बताया गया था. आशा कार्यकर्ता ने प्रियंका गुप्ता के उपचार के लिए 108 एंबुलेंस और मेडिकल टीम को सूचना दी. मेडिकल टीम और एंबुलेंस कुछ ही देर में गांव के समीप पहुंच गए.

लेकिन गांव चारों ओर बाढ़ के पानी से घिर गया था. बादलों से भरी अंधेरी रात में गांव तक पहुंच पाना संभव नहीं था. मौके पर उपस्थित बीएमओ डॉ रावेन्द्र सिंह ने एसडीएम जवा पीयूष भट्ट को स्थिति से अवगत कराया. एसडीएम ने तत्काल जिला कमाण्डेंट मीनाक्षी सिंह से एसडीआरएफ टीम भेजने के लिए संपर्क किया.

सूचना मिलने के 40 मिनट बाद एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गईं. रेस्क्यू टीम ने जान जोखिम में डालकर पूरी बहादुरी के साथ रात दो बजे रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया. रात 2.45 बजे प्रियंका गुप्ता को बोट की सहायता से बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. एंबुलेंस में ही उनका प्राथमिक उपचार किया गया. इसके बाद एंबुलेंस प्रियंका गुप्ता को लेकर सिविल अस्पताल सिरमौर पहुंची.

सिरमौर में डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया तथा गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रियंका गुप्ता को जिला अस्पताल रीवा रेफर किया. जिला अस्पताल में भर्ती प्रियंका अब पूरी तरह से ठीक है. उनका समुचित उपचार किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा समय पर की गई पहल, मेडिकल टीम की तत्परता और एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीम के साहस ने प्रियंका और उनके अजन्मे शिशु को नया जीवनदान दिया.

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