आखिरकार परिवार वालों की लंबी लड़ाई और जनप्रतिनिधियों की मेहनत काम आई और करीब 80 दिन बाद अर्जुन यादव का शव सऊदी अरब से उनके गांव पहुंचा. जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल को अर्जुन यादव की मौत सऊदी अरब में ही हो गई थी. शव लाने के लिए परिवार के लोग लगातार प्रयास कर रहे थे. यहां तक की उनके बेटे पिता के शव को मंगवाने के लिए सत्याग्रह भी कर रहे थे. वहीं इस मामले को लेकर बलिया के सांसद ने भी कई पत्र लिखे थे.
दरअसल, गाजीपुर जिले के मरदह थाना क्षेत्र के सक्कापुर गोविंदपुर गांव के रहने वाले अर्जुन यादव, जो अपने तीन भाइयों में बड़े थे. वह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की मदद से साल 2024 में परिवार के बेहतर भविष्य और पैसे कमाने की उम्मीद से सऊदी अरब गए थे. लेकिन पिछले साल अगस्त महीने में ही ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई और इसकी जानकारी उन्होंने फोन कर अपने परिवार के लोगों को भी दी थी. जानकारी के बाद उनके दोस्त वीरेंद्र यादव, जो गोरखपुर के रहने वाले थे और सऊदी अरब में काम कर रहे थे, अर्जुन को देखने के लिए गए थे.उसके बाद अर्जुन के परिवार के लोगों से उसकी बात नहीं हो पाई थी.
इसी दौरान उनके दोस्त वीरेंद्र के माध्यम से परिवार के लोगों को यह जानकारी मिली कि 30 अप्रैल को अर्जुन की मौत हो गई है. घटना की जानकारी के बाद परिवार के लोग शव को लाने के लिए प्रयास कर रहे थे. इसके लिए सभी लोगों ने विधायक, सांसद के साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा था. यहां तक, जब उनका शव नहीं आ पा रहा था तब उनकी पत्नी और बच्चे गांव में ही सत्याग्रह कर रहे थे. प्रधानमंत्री से अपने पिता के शव को मंगवाने की तख्ती लिखकर गले में लटका कर कई दिनों तक बैठे भी रहें.
80 दिन बाद आया शव
वहीं परिजनों के प्रयास और जनप्रतिनिधियों के प्रयास के कारण अर्जुन का शव सऊदी अरब से एक दिन पूर्व शुक्रवार को लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचा. कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को परिवार के लोगों को सौंप दिया गया. परिजन शव को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते शाम को गांव लेकर पहुंचे और परिवार के लोगों ने अंतिम दर्शन करने के बाद गाजीपुर के शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया.