लापरवाही ले डूबी! ऑपरेशन के दौरान बिगड़ी हालत, गर्भ में ही शिशु की मौत

डोंगरगांव: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और अन्य स्टाफ की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। ग्राम बंशीबंजारी निवासी 25 वर्षीय डिंपल भारद्वाज को 16 जुलाई को प्रसव पीड़ा हुई। स्वजन ने डिलीवरी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। 17 जुलाई को चिकित्सक ने प्रसव कराने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसी दौरान चिकित्सक ने हल्का से चीरा लगाया। इसके बावजूद गर्भ से शिशु बाहर नहीं आ पाया।

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ऑपरेशन के दौरान हालत को बिगड़ते देख चिकित्सक ने रेफर कर दिया। इसके पहले गर्भवती महिला के पेट के पास जो चीरा मारा गया था, उसमें भी चिकित्सक आनन-फानन में टांका लगा दिया। टांका लगाने में भी लापरवाही बरती गई।

गर्भ में खून का रिसाव, शिशु ने तोड़ा दम

स्वजन ने गंभीर हालत में निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर शिशु को गर्भ से निकाला लेकिन शिशु की मौत हो चुकी थी। वहीं शिशु के पैर में कटने के निशान भी मिले। बताया जा रहा है कि गर्भ में शिशु की मौत की वजह चीरा के दौरान कटने से खून का रिसाव व टांका ठीक से नहीं लगाने को माना जा रहा है। स्वजन इसे चिकित्सकीय लापरवाही मानते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम, सीएमएचओ, बीएमओ और थाने में शिकायत की है।

स्वजन में आक्रोश

गर्भ में ही महिला की मौत होने के बाद स्वजन में जमकर आक्रोश है। पीड़ित महिला के पति दीनदयाल भारद्वाज ने बताया कि रेफर के पश्चात राजनांदगांव के निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया गया। मरीज डिंपल की डिलीवरी कराई गई, जहां चिकित्सकों ने बताया कि शिशु की मौत गर्भ में ही हो चुकी थी और जब शिशु को निकाला गया तो पाया कि बच्चों के पैर में चीरा लगा हुआ है।डॉक्टर द्वारा डिलीवरी करने और स्वस्थ बच्चा निकालने का भरपूर प्रयास किया गया है। इसके बाद रेफर किया गया। बच्चे की मौत की खबर मुझे मीडिया और परिजनों की शिकायत के बाद लगी है। मैं इस पर जांच कर निष्कर्ष बता पाऊंगी। रागिनी चंद्र, विकासखंड स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डोंगरगांव।

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