बलरामपुर: पुलिस चौकी बरियों, थाना राजपुर के अंतर्गत राजस्व दस्तावेजों में भारी हेराफेरी व कूटरचना कर भूमि पर अवैध स्वामित्व हासिल करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.ये गिरफ्तारी उप तहसील बरियों के नायब तहसीलदार नरेंद्र कुमार कंवर की शिकायत पर की गई है.मामले में कुल 11 लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है, जिनमें 9 अब भी फरार हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत आरा, तहसील राजपुर, जिला बलरामपुर में मो. इकबाल नामक व्यक्ति द्वारा पट्टे से प्राप्त भूमि के अधिकार अभिलेखों में हेराफेरी कर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा था.इस संबंध में शिकायत पर कलेक्टर बलरामपुर द्वारा गठित संयुक्त जांच दल ने ग्राम आरा के वर्ष 1954-55 से संबंधित खाता क्रमांक 117, 131, 158, 35, 164, 112, 118, 37 की जांच की। जांच में पाया गया कि इन खातों में बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के अवैध प्रविष्टियां की गई थीं.
गिरफ्तार आरोपी :1. कमरूदीन अंसारी, पिता मोहिउदीन, उम्र 62 वर्ष, निवासी कुन्दीकला, थाना लुण्ड्रा, जिला सरगुजा,2. मुमताज जुलाहा, पिता सुलेमान, उम्र 45 वर्ष, निवासी आरा बरियों, थाना राजपुर (हाल-गंगापुर, थाना मणिपुर, जिला सरगुजा).
इन दोनों आरोपियों को 19 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है.
कमरूदीन अंसारी ने पूछताछ में बताया कि उसे वर्ष 1978-79 में सिंहदेव योजना के तहत खसरा नं. 899/2/1 (रकबा 1.092 हे.) भूमि मिली थी, जिस पर उसके अनुसार पहले खेती करता था, लेकिन बाद में गांव के अन्य लोग कब्जा कर लिए। उसी दौरान उसके भाईयों के नाम सीताराम पटवारी द्वारा दस्तावेजों में जोड़ दिए गए. वर्तमान रिकॉर्ड में खसरा नंबर बदल गया है, जिससे वह अनभिज्ञ है.
वहीं मुमताज जुलाहा ने बताया कि उसने वर्ष 2005 में तिरलोचन से खसरा नं. 931/25 की भूमि रजिस्ट्री कर खरीदी थी.उसके अनुसार बटांकन के बाद उसे खसरा नं. 931/42 मिला.बाद में वर्ष 2023 में इस भूमि को मो. इकबाल को बेच दिया। दस्तावेज तैयार करने में इकबाल और पदस्थ पटवारी अमित बड़ा की भूमिका रही.
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने बिना वैधानिक आदेश के राजस्व दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने नाम दर्ज करा लिया है, जो कि कूटरचना की श्रेणी में आता है.इस आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया.
आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61, 3(5) के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है.
प्रकरण में शामिल अन्य 9 आरोपियों की तलाश जारी है.पुलिस राजस्व अधिकारियों, दस्तावेज तैयार करने वाले पटवारियों और संबंधित व्यक्तियों की भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही है.
यह प्रकरण बताता है कि किस प्रकार पुरानी जमीनों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर लोग अवैध लाभ उठाने की कोशिश करते हैं.प्रशासन द्वारा सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे मामलों में कार्रवाई करना ज़रूरी है ताकि राजस्व प्रणाली में पारदर्शिता और भरोसा बना रहे.