पीड़ित बना आरोपी, पत्रकार बना निशाना!’ – बलिया पुलिस के खिलाफ फूटा पत्रकारों का गुस्सा

 

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बलिया : भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तरप्रदेश के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह के नेतृत्व मे प्रगतिशील ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, पूर्वांचल जर्नलिस्ट एसोसिएशन (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बलिया ), भारत पत्रकार संघ व अन्य संगठनों के सैकड़ो पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर बलिया पुलिस के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए आक्रोश व्यक्त किया.

 

प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्रक भेजकर बांसडीह के कोतवाल संजय सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गयी है.साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा दो व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर पत्रकारों मे भेद किया जा रहा है, उसको तत्काल बंद करने की मांग की गयी है.जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ खबरों के लिये कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा.कहा कि पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस प्रकरण को हल कराने का प्रयास करूंगा.

 



सूच्य हो कि बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की को दूसरे संप्रदाय के शिक्षक द्वारा भगा ले जाने का मामला कुछ दिन पहले हुआ था.इस मामले मे जब लड़की के पिता ने अपनी लड़की की बरामदगी के लिये स्थानीय बीजेपी नेताओं के साथ थाने पर प्रदर्शन किया तो कोतवाल संजय सिंह ने पीड़ित पिता व बीजेपी नेताओं पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया.

 

जब पत्रकार स्थानीय एक पत्रकार को यह पता चला तो उसने ‘पीड़ित ही बना आरोपी’ हेडिंग से खबर चला दिया.इसके कुछ दिनों बाद वाराणसी जोन के एडीजी बलिया आये थे  श्रीमान ने पत्रकारों से सवाल किया कि क़ानून व्यवस्था बलिया मे कैसी है, तब पत्रकार ने कहा – सर, जब पीड़ित ही आरोपी बन जाये तो आप हाल खुद समझ लीजिये.इसी से खार खाये बांसडीह के कोतवाल संजय सिंह ने पत्रकार पर गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज करने के लिये 156(3) के तहत सीजेएम न्यायालय मे आवेदन किये थे.इसकी जानकारी होते ही बलिया के पत्रकारों मे आक्रोश फैल गया.

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