जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से राजनीतिक सरगर्मी तेज, विपक्ष ने बताई ‘राजनीतिक अस्वस्थता’

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपा। लेकिन विपक्ष इसे सिर्फ स्वास्थ्य मुद्दा नहीं मान रहा, बल्कि इसके पीछे ‘राजनीतिक कारण’ देख रहा है।कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “धनखड़ पूरे दिन संसद भवन में सक्रिय रहे। फिर ऐसा क्या हुआ जो उन्हें अचानक इस्तीफा देना पड़ा? हम उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं, लेकिन यह फैसला समझ से परे है।”

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पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मैं दुखी हूं। उनके साथ मेरे पारिवारिक रिश्ते रहे हैं और उन्होंने हमेशा सम्मान दिया है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि धनखड़ जल्द स्वस्थ होंगे और सक्रिय रहेंगे।वहीं, कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने इस इस्तीफे को ‘राजनीतिक अस्वस्थता’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार चुनाव से पहले यह कदम जानबूझकर उठाया गया है ताकि भाजपा किसी उपयुक्त व्यक्ति को इस संवैधानिक पद पर बिठा सके।

JMM सांसद महुआ माजी ने धनखड़ के इस्तीफे पर आश्चर्य जताते हुए कहा, “सदन में उन्होंने कोई ऐसा संकेत नहीं दिया जिससे लगे कि वे इस्तीफा देंगे। यह चौंकाने वाला फैसला है। हम चाहते हैं कि वे इस पर पुनर्विचार करें।”कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों के बीच यह इस्तीफा ‘थोड़ा अजीब’ है। उन्होंने संकेत दिया कि यह इन संवेदनशील मुद्दों से ध्यान हटाने का तरीका भी हो सकता है।

धनखड़ ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने यह निर्णय डॉक्टरों की सलाह पर लिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल को ‘सौभाग्यशाली अनुभव’ बताया और संसद सदस्यों के प्रति आभार जताया।अब बड़ा सवाल यह है कि राज्यसभा की कार्यवाही कौन संभालेगा और उपराष्ट्रपति के इस खाली पद को कितनी जल्दी भरा जाएगा।

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