मध्य प्रदेश में किसानों की चिंता बढ़ी… खेतों में खड़ी सोयाबीन और मक्का में कीट का प्रकोप

रतलाम जिले में लंबे समय से झमाझम वर्षा नहीं हुई है। इससे कहीं-कहीं खेतों में खड़ी सोयाबीन व मक्का फसल में कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

Advertisement

इसके लिए कृषि विभाग का मैदानी अमले द्वारा किसानों को जरूरी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। जिले में अब तक औसत 413.88 मिमी वर्षा हो चुकी है। जिले की कुल वर्षा 918.3 मिमी है। दो दिन से मौसम पूरी तरह साफ है।

रविवार के बाद सोमवार को भी जिले में कहीं भी वर्षा नहीं हुई। इससे वातावरण में उमस भी बढ़ गई। रविवार के मुकाबले सोमवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई और न्यूनतम तापमान स्थिर रहा।सुबह की आर्द्रता 90 प्रतिशत व शाम की 66 प्रतिशत रही, जो रविवार को क्रमश: 90 व 71 प्रतिशत थी।

जिले में अब तक औसत 413.88 मिमी

सोमवार सुबह आठ बजे समाप्त हुए बीते चौबीस घंटों के दौरान जिले में कहीं भी वर्षा नहीं हुई। जावरा, पिपलौदा, सैलाना, आलोट, ताल, बाजना, रतलाम, रावटी तहसीलें सूखी रही। गत वर्ष इस अवधि में अब तक 281.58 मिमी वर्षा हुई थी, जबकि इस वर्ष 413.88 मिमी वर्षा हो चुकी है।

कीट-व्याधियों से बचाव के उपाय

सहायक संचालक कृषि भीका वास्के ने बताया कि जिले में 3,00,710 हेक्टेयर में खरीफ की सोयाबीन, कपास, मक्का आदि की बोवनी हो चुकी है। वर्तमान में खरीफ फसलों की स्थिति ठीक है, लेकिन कहीं-कहीं पत्ते खाने वाली इल्लियों का प्रकोप दिखाई दे रहा है।

इसके नियंत्रण के लिए मिश्रित कीटनाशक इंडोक्साकर्ब 950 मिली प्रति हेक्टेयर या बीटा सल्फयूरिन, इमिडाक्लोरोप्रिड 350 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। इसके अलावा प्राकृतिक खेती करने वाले किसान इल्लियों की रोकथाम के लिए बेसिलस थूरिन्जीएनसिस या ब्यूवेरिया बेसियाना एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

Advertisements