श्योपुर : आजादी के बाद से देश और मध्य प्रदेश पूरी तरह बदल चुका है, हर तरफ विकास की बयार बहने के दावे हो रहे हैं. लेकिन श्योपुर के एक गांव की किस्मत आज तक नहीं बदली है. आजादी से अब तक कितनी सरकारें बनीं लेकिन इस इस गांव में सड़क नहीं बन पाई है. हर चुनाव से पहले नेता सड़क बनाने के वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं.
जिसकी वजह से देश की सबसे बड़ी तहसील श्योपुर क्षेत्र के ग्राम प्रेमसर से बिट्टलपुर गांव में बारिश के समय में ग्रामीणों को नरकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है.
श्योपुर में प्रेमसर से बिट्टलपुर गांव तक सड़क निर्माण मांग को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रेमसर गांव में श्योपुर-कोटा हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. यह जाम करीब दो घंटे तक चला.
बिट्टलपुर गांव के ग्रामीणों के अनुसार प्रेमसर गांव से बिट्टलपुर गांव तक की सड़क वर्षों से खराब है. बरसात में यह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है. इससे स्कूली बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या से प्रशासन से लेकर स्थानीय नेताओं को अवगत भी करा दिया. लेकिन प्रशासन और नेताओं के द्वारा केवल उन्हें आश्वाशन के अलावा कुछ हासिल नहीं हो सका. जमीनी स्तर पर किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं ग्रामीणों को नहीं मिली है.
आक्रोशित ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक वे इस तरह के आंदोलन जारी रखेंगे। मौके पर देहात थाना पुलिस और एसडीएम बी एस श्रीवास्तव ने पहुंचकर ग्रामीणों से बात की और उन्हें समझाइश देते हुए बताया की वर्तमान में सड़क पर मरम्मत करवा देंगे और जल्दी ही पीएमजीएसवाई के अधिकारियो से बात करके प्रस्ताव बनवाकर भेजा जाएगा इसके बाद ग्रामीण जाम हटाने कों राजी हुए करीब दो घंटे बाद चक्काजाम हटाया गया और यातायात सामान्य हुआ.
ग्रामीणों का आरोप है कि देश आजाद हो गया है परंतु श्योपुर जिले के कई गांव ऐसे है जहां आज भी पक्की सड़क नहीं है. ये प्रशासन की बड़ी लापरवाही है.नेता दिखावे के बह केवल फोटो सेशन में मस्त रहते है.
ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द इस सड़क को बनवाया जाए, ताकि आवागमन की समस्या से उन्हें राहत मिल सके.