एअर इंडिया और इसकी सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) की जांच पूरी कर ली है. डीजीसीए के 14 जुलाई 2025 के निर्देशों के अनुसार यह जांच समय पर पूरी की गई. जांच में किसी भी तरह की खराबी नहीं पाई गई. एअर इंडिया ने 12 जुलाई को ही स्वेच्छा से यह जांच शुरू कर दी थी.
एअर इंडिया ने यह जानकारी डीजीसीए को दे दी है और कहा है कि वह यात्रियों और क्रू की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
दरअसल, इस साल 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एअर इंडिया का विमान AI171 उड़ान भरने के तुरंत बाद लगभग 32 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. 230 यात्रियों और 12 क्रू के सदस्यों को ले जा रहा यह विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर आवासीय क्षेत्र में डॉक्टरों के एक छात्रावास से टकराने से पहले 625 फीट की ऊंचाई पर सिग्नल खो बैठा था. हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से केवल एक भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक ही जीवित बचा था. इसके अलावा जमीन पर 19 अन्य लोग मारे गए और 67 गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
AAIB ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
देश में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को एअर इंडिया की उड़ान AI-171 की दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में बताया गया है कि ईंधन न मिलने के कारण दोनों इंजनों का थ्रस्ट कम हो गया था और उड़ान भरने के तुरंत बाद उनके फ्यूल कंट्रोल स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) डेटा से पायलटों के बीच एक चौंकाने वाली बातचीत सामने आई. एक ने पूछा, “तुमने कट ऑफ क्यों कर दिया?” जिस पर दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया,” जिससे ईंधन एफसीएस के संचालन में किसी तकनीकी गड़बड़ी या भ्रम की संभावना का संकेत मिलता है. पायलटों ने हवा में ही इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की. इंजन 1 आंशिक रूप से ठीक हो गया, जबकि इंजन 2 फिर से चालू नहीं हो पाया. विमान रनवे से 0.9 समुद्री मील दूर स्थित एक छात्रावास से टकराने से पहले केवल 32 सेकंड तक हवा में रहा. दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान GEnx-1B इंजन से संचालित था.