रीवा में सड़कों की बदहाली से तंग ग्रामीण और बच्चे कलेक्ट्रेट पहुंचे, सरपंच ने दी आत्मदाह की चेतावनी

मध्यप्रदेश: रीवा में बदहाल सड़कों का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है, जहां ग्रामीण और मासूम स्कूली बच्चे सड़क बनवाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. यह वीडियो रीवा की उस भयावह तस्वीर को सामने लाता है, जहां विकास के दावे खोखले नजर आते हैं और आम जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है. रीवा में सड़कों की दुर्दशा कोई नई बात नहीं है, खासकर बारिश के मौसम में स्थिति और भी बदतर हो जाती है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण और स्कूली बच्चे कीचड़ भरी सड़कों से होकर निकलने को मजबूर हैं.

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स्कूली बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है, क्योंकि वे अक्सर कीचड़ में गिर जाते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले चार पंचवर्षीय से जिस सरकारी भूमि पर मुरम डालकर सड़क बनाई जा रही थी, अब उसे एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा अपनी निजी भूमि बताया जा रहा है. ग्राम पंचायत के सरपंच शुभम पांडे ने बताया कि जब सड़क को कंक्रीट से बनाने की बारी आई, तो उस व्यक्ति ने निर्माण कार्य रोक दिया. सरपंच शुभम पांडे ने सीधे तौर पर शासन और प्रशासन पर समस्या को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वे इस मुद्दे को लेकर 41 बार लिखित शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

ग्रामीणों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भारी गुस्सा है. उनका आरोप है कि चुनाव के दौरान वोट लेने के बाद कोई भी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों और बच्चों की आपबीती सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा. एक ग्रामीण ने बताया कि उनकी पांच पीढ़ियां इसी कीचड़ भरी सड़कों से निकलती आ रही हैं।.उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार बनाने के लिए वोट देने के बावजूद कोई उनकी सुध क्यों नहीं ले रहा है.

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाए, तो एंबुलेंस या कोई अन्य वाहन उन तक नहीं पहुंच पाता, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं. एक स्कूली बच्चे ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि वह तीन-चार साल से स्कूल नहीं जा पा रहा है क्योंकि सड़क नहीं बनी है और उसे कीचड़ में गिरने का डर रहता है.

आगे की कार्रवाई और गंभीर चेतावनी

ग्रामीण और सरपंच ने जन सुनवाई के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर तत्काल सड़क बनवाने की मांग की है. सरपंच ने प्रशासन को आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है, यदि जन सुनवाई के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. विधायक से मिलने पर उन्हें बताया गया कि अगर जमीन सरकारी हुई तो वे पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन ऐप में देखने पर वह निजी भूमि दिखा रही है.

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