जैसे-जैसे दुनिया आधुनिक होती जा रही है, वैसे ही जीवन के हर काम में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है. अब दो देशों की बीच जंग में तकनीक अहम भूमिका अदा करती है, ये सिर्फ आधुनिक हथियारों में ही नहीं बल्कि खुफिया जानकारी जुटाने, मनोवैज्ञानिक युद्ध लड़ने में भी खास किरदार निभा रही है. इसलिए आज के दौर में कई मिलिटेंट संगठन फोन या ऐसी किसी भी आधुनिक सुविधा लेने से बचते हैं. साथ ही फेसबुक, व्हाट्सऐप जैसी सोशल मीडिया ऐप्स पर समय-समय पर जानकारी बेचने का आरोप लगता रहा है.
हाल ही में रूस ने अपने अधिकारियों को 1 सितंबर तक स्वदेशी ऐप ‘मैक्स’ पर स्विच करने का आदेश दिया है. हाल के सालों में मास्को टेलीग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे विदेशी ऐप्स का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रहा है. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, रूस ने मेटा, जो फेसबुक और व्हाट्सएप का मालिक है, को एक ‘चरमपंथी संगठन’ घोषित किया था. रूस में फेसबुक इंस्टाग्राम पर पहले से प्रतिबंध है. अब खबर है कि अगस्त के शुरुआत में रूस से व्हाट्सएप को भी बैन किया जा सकता है. जिसके बाद से रूसी निवासियों की भी अपने देश के मेसेंजर ऐप पर स्विच करना मजबूरी हो जाएगी.
रूस लंबे समय से टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे विदेशी ऐप्स का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रहा है. फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रूस में पहले से ही प्रतिबंध है. रूस ने 2024 में वाइबर मैसेंजर को भी ब्लॉक कर दिया था. अब रूस ने इनका बदल मैक्स को लांच किया है और सभी से इसके इस्तेमाल का आग्रह किया जा रहा है.
क्य है मैक्स ऐप?
मैक्स ऐप को सरकारी कंपनी VK की ओर से डिज़ाइन किया जा रहा है, जो यूट्यूब की प्रतिद्वंद्वी कंपनी VK वीडियो की मालिक है. VK कंपनी की स्थापना टेलीग्राम के निर्माता पावेल डुरोव ने की थी. इस कानून में उन देशों के ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है जिन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. बता दें, सरकार ने रूसी अधिकारियों को मैक्स ऐप पर स्विच करने के लिए 1 सितंबर तक का समय दिया है.
मेटा से रूस को क्या है डर?
रूस सरकार विदेशी मैसेंजर ऐप्स को असुरक्षित मानती है और डिजिटल संप्रभुता को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी ऐप्स जैसे ‘Vlad’s App’ और ‘Max’ को लॉन्च किया है. इन ऐप्स पर सरकारी नियंत्रण होगा और ये रूस के सर्वरों पर डेटा स्टोर करेंगे.
दुनिया में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर सोशल मीडिया ऐप अमेरिका या दूसरे पश्चिमी देशों से जुड़ी है. यूक्रेन युद्ध के खिलाफ अमेरिका और ज्यादातर पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं, जिसमें सैन्य, आर्थिक और खुफिया सहायता शामिल है. पुतिन को डर है अगर उनके अधिकारी और नागरिक इन ऐप्स का इस्तेमाल करेंगे, तो दुश्मनों के लिए ये खुफिया जानकारी हासिल करने का कारक बन सकता है. साथ ही मेटा पर पहले से ट्रंप प्रशासन को जानकारी देना का आरोप लगता रहा है.
और किन देशों ने लगाया है व्हाट्सऐप पर प्रतिबंध?
विदेशी मैसेजिंग ऐप्स को नियंत्रित करना देश की सरकारों के बस में नहीं है. व्हाट्सऐप चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, सीरिया, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में पहले बैन हैं. व्हाट्सऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए हर देश ने अलग-अलग कारण बताएं हैं, जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक नियंत्रण और स्थानीय दूरसंचार कंपनियों को बढ़ावा देने जैसी बातों पर आधारित हैं. हालांकि कतर और UAE में बस व्हाट्सएप की वीडियो कालिंग और ऑडियो कॉलिंग पर प्रतिबंध है.