बिहार साइबर क्राइम केस में बड़ा एक्शन: अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए CBI-IB की टीम पटना पहुंची

हरशित साइबर गिरोह के भंडाफोड़ के बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पूरे रैकेट की गहन जांच शुरू कर दी है। गिरोह के सभी सदस्यों की पहचान कर उनके खिलाफ व्यापक कार्रवाई की जा रही है। यह गिरोह झारखंड के पाकुड़, पश्चिम बंगाल और बिहार के कई स्थानों से फर्जी दस्तावेजों की मदद से 1,000 से अधिक सिम कार्ड खरीद चुका है।

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सघन जांच जारी

EOU के ADG नायर हसनैन खान के अनुसार, साइबर फ्रॉड से जुड़े सभी जालसाजों की तलाश और गिरफ्तारी के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। जल्द ही कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हो सकती है। उन सभी लोगों की भी जांच हो रही है, जो इस फ्रॉड से लाभान्वित हुए हैं।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने सिम बॉक्स का इस्तेमाल अन्य साइबर गैंग के साथ मिलकर भी किया है। ऐसे सभी सरगनाओं की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संदिग्ध स्थानों पर रैंडम जांच कर इनके नेटवर्क को उजागर किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय तार और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल

इस मामले की सबसे बड़ी चुनौती है कि इस गिरोह के कई तार विदेशों से जुड़े हैं। ठगी में इस्तेमाल अधिकांश राशि क्रिप्टो करेंसी में हुई है और सारी डीलिंग डार्क वेब के जरिए होती थी। EOU ने हरशित के एक बैंक खाते को सील किया है, जिसमें ढाई करोड़ रुपये से अधिक की राशि है। इसके अलावा 35 से अधिक खातों की पहचान कर उनमें हुए करोड़ों के लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है।

केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां भी जांच में शामिल

गिरोह के कई राज्यों और विदेशों से जुड़े होने के कारण केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी मामले की जांच में जोड़ा गया है। इससे कार्रवाई में तेजी आएगी और अन्य राज्यों में भी संबंधित अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सकेगी। कई जगहों पर छापेमारी जारी है और संदिग्ध स्थानों पर विशेष तलाशी ली जा रही है।

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