हरिद्वार में सकुशल संपन्न हुआ कांवड़ मेला 2025, 4.13 करोड़ शिवभक्तों ने भरा गंगाजल

हरिद्वार में 10 जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेला 22 जुलाई को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। आधी रात तक अधिकतर कांवड़िए अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके थे। जिला प्रशासन के अनुसार अब तक 4.13 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी से गंगाजल भरकर कांवड़ यात्रा पूरी की है। हालांकि, श्रद्धालुओं की आवाजाही अब भी जारी है, जिससे यह संख्या पांच करोड़ तक पहुंच सकती है।

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भीड़ और ट्रैफिक को संभालने में सफल रही पुलिस
मेले के दौरान हरिद्वार पुलिस को कई बार अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक प्लान में बार-बार बदलाव किया गया। आखिरी के चार दिन हरिद्वार पूरी तरह भगवा रंग में रंगा नजर आया, जब प्रतिदिन 30 से 40 लाख भक्त शहर में पहुंचे।

उपद्रवियों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई
पुलिस-प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती उपद्रवियों से निपटना रही। कई लोग कांवड़िए के वेश में मेले का माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार पुलिस की सख्ती के चलते ऐसी घटनाएं पहले से कम देखने को मिलीं। जिन लोगों ने गड़बड़ी की, उन्हें गिरफ्तार भी किया गया।

डाक कांवड़ियों की भीड़ के बीच ट्रैफिक नियंत्रण
डाक कांवड़ियों के भारी वाहनों की वजह से आखिरी चरण में यातायात प्रभावित हो सकता था, लेकिन पुलिस ने बड़े वाहनों को शहर के बाहर ही पार्किंग में रोककर स्थिति को अच्छे से संभाला। आम कांवड़ियों को हाईवे से नहीं चलने दिया गया, उन्हें विशेष कांवड़ पटरियों से ही भेजा गया।

फुल हुई सभी पार्किंग, लेकिन बैकअप ने निभाई भूमिका
आखिरी तीन दिनों में शहर के अंदर और बाहर की सभी पार्किंग स्थल भर गए थे। हालांकि पुलिस ने पहले से बैकअप व्यवस्था की थी, जिससे भीड़ के बावजूद अव्यवस्था नहीं फैली।

एसएसपी ने साझा किया अनुभव, डाक कांवड़ियों की संख्या रही अधिक
हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि 2025 का कांवड़ मेला उनके लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि इस बार डाक कांवड़ियों की संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं ज्यादा थी।

अब सबसे बड़ी चुनौती: सफाई और कूड़ा निस्तारण
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि मेला चार चरणों में विभाजित था। तीन चरण पूरे हो चुके हैं और अब अंतिम चरण में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। हरकी पैड़ी सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में कूड़ा निस्तारण का काम किया जा रहा है, जिसके बाद मेला पूरी तरह संपन्न माना जाएगा।

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