पटना : बिहार विधानसभा का मानसून सत्र राजनीतिक ड्रामे और भारी हंगामे के बीच समाप्त हो गया. सत्र के अंतिम दिन सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. जहां विपक्षी विधायकों ने काले कपड़े पहनकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया, वहीं जदयू और भाजपा के विधायक हेलमेट पहनकर विधानसभा पहुंचे, जिससे सदन का माहौल और तनावपूर्ण हो गया.राजद, कांग्रेस और वामदल के विधायकों ने प्रश्नकाल शुरू होते ही जोरदार नारेबाजी की. वे वेल में घुस गए और टेबलें पलटने लगे. विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार अपील की कि वे शांत रहें और टेबल न पलटें, लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं था. हंगामा बढ़ता ही गया, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष की काली पोशाक पर तीखा व्यंग्य किया और उनके विरोध प्रदर्शन का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने की राजनीति है.दूसरी ओर, जदयू और भाजपा के विधायकों ने गुरुवार को हुई झड़पों के बाद अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनकर सदन में प्रवेश किया.भाजपा के एक विधायक ने कहा कि अब विपक्ष हिंसात्मक रवैया अपना रहा है और हमें अपनी सुरक्षा स्वयं करनी पड़ रही है.उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन के विधायक अब गुंडागर्दी पर उतर आए हैं, जिससे सदन का वातावरण बिगड़ गया है.
इस मानसून सत्र का उद्देश्य था राज्य से जुड़ी नीतियों, बजट और जनहित के मुद्दों पर चर्चा करना, लेकिन लगातार हंगामे और कार्यवाही स्थगन के कारण कोई गंभीर चर्चा नहीं हो सकी. विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बयानबाजी और प्रतीकात्मक विरोधों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित कर दिया. इस तरह, यह सत्र सार्थक बहस की बजाय राजनीतिक तमाशे और अराजकता के लिए याद किया जाएगा, जो बिहार की विधानसभा में गिरते राजनीतिक स्तर की ओर इशारा करता है.