TET परीक्षा में शिथिलीकरण और वेतनवृद्धि की मांग:बीजापुर में अनुदेशक संघ ने सरकार से लगाई गुहार;बोले-15 सालों से कम सैलरी में करवा रहे पढ़ाई

बीजापुर के आवासीय पोटाकेबिन आश्रमों में पदस्थ 490 अनुदेशकों ने TET परीक्षा में शिथिलीकरण और वेतनवृद्धि की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले 15 सालों से वे बहुत कम सैलरी में पढ़ाई करवा रहे हैं।

Advertisement

अनुदेशकों ने कहा कि पढ़ाई के साथ ही बच्चों की देखरेख, स्वास्थ्य, सुरक्षा, दिनचर्या और भोजन व्यवस्था जैसी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी कराया जा रहा है। वे 24 घंटे केयर टेकर की तरह सेवा देते हैं, लेकिन उन्हें न तो नियमित शिक्षक का दर्जा मिला है और न ही स्थायित्व की कोई गारंटी है।

बता दें कि जिले में संचालित 60 पोटाकेबिन आश्रमों, छात्रावासों में से 34 प्राथमिक स्तर के छात्रावास समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) के तहत 26 आश्रम संचालित हो रहे हैं जबकि इन सभी संस्थानों में एक भी नियमित शिक्षक पदस्थ नहीं है।

12 हजार से अधिक छात्र करते है पढ़ाई ​​​​​​

समग्र शिक्षा के 34 पोटाकेबिन आश्रमों में लगभग 12 हज़ार से अधिक छात्रों की पढ़ाई से लेकर बच्चों की देखरेख तक का पूरा दारोमदार अनुदेशकों के कंधों पर है। यहां एकमात्र नियमित कर्मचारी अधीक्षक के रूप में पदस्थ है, जबकि बाकी का संचालन 14-15 अनुदेशकों के जरिए किया जा रहा है।

जिले में समग्र शिक्षा के तहत कुल 420 अनुदेशक कार्यरत हैं, जो मात्र 14-15 हज़ार से मानदेय पर काम कर रहे हैं। इन अनुदेशकों कई के पास B.Ed या D.Ed जैसी शैक्षणिक योग्यता है।

क्या कहते हैं अनुदेशक

नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या विद्यालय मुरकिनार में पदस्थ अनुदेशक निर्मला जनगम ने बताया की वे DE.Ed परीक्षा उत्तीर्ण हैं और अर्थशास्त्र, हिंदी और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। लगभग 13 सालों से वे अपनी सेवाओं मुरकिनार में दे रही हैं।

6 हज़ार से लेकर पिछले 12 सालों में हमारा मानदेय 14-15 तक ही सरकार ने बढ़ाया है। सरकार से निवेदन है कि TET शिथिलीकरण का लाभ जिले के अनुदेशकों को मिल सके।

उसूर में पदस्थ गजेंद्र झाड़ी बताते हैं कि हम सालों से शिथिलीकरण की मांग अलग-अलग मंचों से सरकार से करते रहे हैं। अति सुदूर क्षेत्रों में स्तिथ हॉस्टलों में शालात्यागी और अप्रवेशी बच्चों को स्कूलों तक लाकर उन्हें पढ़ाने का काम करते हैं।

संवेदनशील क्षेत्र होने से जान का खतरा भी बना होता है। पूरी दिनचर्या हॉस्टल से शुरू होकर हॉस्टल में खत्म हो जाती है। शिक्षा के अलावा बच्चों का देखरेख, स्वास्थ्य का जिम्मा भी संभालते हैं।

उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि बीजापुर जिले में 490 अनुदेशकों की ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार की दशा- दिशा को देखते हुए TET परीक्षा का शिथिलीकरण, नियमितीकरण और वेतन वृद्धि की सौगात हमे दें।

केंद्रीय मंत्रियों से भी मिला संघ

अनुदेशक संघ के बस्तर संभाग अध्यक्ष गोविंद गांधरला ने बताया कि TET शिथिलीकरण, नियमितीकरण और वेतनवृद्धि की मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी. संजय कुमार सचिव स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय भारत सरकार और प्रवीण कुमार नायर IAS विशेष सचिव केन्द्रीय शिक्षा मंत्री भारत सरकार से भी हमने गुहार लगाई है।

बीजापुर विधायक विक्रम शाह मंडावी ने मांगों को जायज करार दिया है। अनुदेशकों की मांगों जल्द सरकार को पूरा करना चाहिए। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष घासीराम नाग ने भी अनुदेशकों के मांगों का समर्थन किया है।

Advertisements