सरगुजा के फलों के थोक व्यवसायी को घटिया सेव भेजने एवं एक करोड़ से अधिक रकम बकाया बताकर जान से मारने की धमकी देने के मामले में सरगुजा पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। यह एफआईआर सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है। फल व्यवसायी ने मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर सीजेएम की अदालत में परिवाद पेश किया था।
जानकारी के मुताबिक, परिवादी प्रभु गुप्ता (41 वर्ष) निवासी नमनाकला अंबिकापुर फलों के थोक व्यवसायी हैं। प्रभु गुप्ता ने सीेजेएम की अदालत में मंजुल ट्रेडिंग कंपनी सोपोर, बारामुला के खिलाफ धमकी देकर अवैध वसूली करने एवं धोखाधड़ी का आरोप लगा परिवाद पेश किया था।
घटिया सेव भेजा, फिर धमकी देकर उगाही की कोशिश परिवाद में प्रभु गुप्ता ने बताया कि मंजुल भाई से उन्होंने फोन से सेव की सप्लाई के लिए जुलाई 2022 में संपर्क किया था। उन्होंने अच्छी क्वालिटी की सेव की फोटो भेजी और बताया कि वह अच्छी क्वालिटी का सेव भेज देगा। 11 अगस्त 2022 से 01 नवंबर 2022 के बीच मंजुल भाई ने लगभग 22 गाड़ी सेव भेजे। पहली गाडी में सेव बाक्स खोलने पर पता चला कि उन्होंने घटिया क्वालिटी का सेव भेजा है।
प्रभु गुप्ता ने वॉट्सऐप पर मंजुल भाई को फोटो भेजकर अवगत कराया कि उन्होंने थर्ड क्वालिटी का सेव भेजा है। यदि वे फल की कीमत कम नहीं करते हैं तो वे शिपमेंट स्वीकार नहीं करेंगे। मंजुल भाई ने कहा कि वह कम कीमत पर फुटकर विक्रेताओं को सेव बेच सकते हैं। जिस रेट पर सेव बिकेगा, वह रेट स्वीकार होगा।
एक करोड़ देने के लिए दी धमकी प्रभु गुप्ता ने बताया कि लगभग आधे फल के खराब हो जाने के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ। नीलामी के माध्यम से सेव बेचकर उन्होंने एक करोड़ पांच लाख रुपए मंजुल भाई के खाते में 29 सितंबर 2022 से 27 अक्टूबर 2022 के बीच भेज दिया। कुछ दिन बाद मंजुल भाई ने एक कागज पर हिसाब बनाकर एक करोड़ रुपए तीन लाख 96 हजार रुपए बकाया होना बताया गया।
मंजुल भाई ने हिसाब भेजकर धमकी दी कि वह पैसे नहीं देगा तो सेव मंडी यूनियन में शिकायत कर उसका धंधा बंद करा देगा। मंजुल भाई ने सेव मंडी यूनियन में पैसे नहीं देने की शिकायत की। जब प्रभु गुप्ता ने सेव की क्वालिटी एवं पूर्व में हुए चर्चा की जानकारी यूनियन के चेयरमेन व पदाधिकारियों को दी तो उन्होंने शिकायत को खारिज कर दिया।
पुलिस अधिकारियों के नाम पर फोन कर धमकाया प्रभु गुप्ता ने बताया कि 24 नवंबर 2022 को उनके फोन पर एक नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर कहा कि मंजूर भाई का एक करोड़ 3 लाख रुपए बकाया का भुगतान 15 दिनों में नहीं किया तो उसे जम्मू कश्मीर लाकर आंतकवादी गतिविधियों में लिप्त बताकर गोली मार दी जाएगी। 05 दिसंबर 2022 को एक और फोन आया एवं फोन करने वाले ने स्वयं को पुलिस का उच्च अधिकारी बताकर प्रभु गुप्ता एवं परिवार के सदस्यों को जान से माने की धमकी दी।
इसकी शिकायत प्रभु गुप्ता ने कोतवाली अंबिकापुर एवं पुलिस अधिकारियों से की। पुलिस अधिकारियों ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की तो प्रभु गुप्ता ने अधिवक्ता के माध्यम से सीजेएम न्यायालय अंबिकापुर में परिवाद दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम नरेंद्र कुमार की अदालत ने 3 फरवरी 2023 को मामले में एफआईआर का आदेश दिया था।
ढाई साल बाद दर्ज हुई FIR सीजेएम न्यायालय के आदेश के बाद भी पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किया था। ढाई साल बाद कोतवाली पुलिस ने अंततः मंजूर भाई के खिलाफ धारा 386, 420, 506 के तहत अपराध दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।