आगरा धर्मांतरण रैकेट के आरोपियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि पूरे देश में धर्मांतरण का ‘स्लीपर सेल’ फैला है. फिलहाल, 7 राज्यों की दर्जनों लड़कियों को पुलिस ने ट्रेस किया है. उनकी लगातार काउंसिलिंग करवाई जा रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कई लड़कियां बेहद कट्टर हो चुकी हैं. काउंसिलिंग का भी उनपर आसानी से असर नहीं हो रहा है. महाराष्ट्र, एमपी, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, दिल्ली, यूपी के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, गाजियाबाद की भी लड़कियां इसमें शामिल हैं. धर्मांतरण के बाद ये लड़कियां गैंग के लिए काम कर रही हैं. पुलिस ने कई लड़कियों और उनके परिजनों से संपर्क किया है.
जांच में पता चला है कि सोशल मीडिया, गेमिंग एप पर बातचीत के जरिए धर्म का प्रचार हो रहा था. जो लड़के और लड़कियां हिंदू से मुस्लिम बने, उनको ही ‘स्लीपर सेल’ में भर्ती करके धर्मांतरण रैकेट में शामिल किया जाता और बाकियों को सोशल मीडिया पर टारगेट किया जाता था. साथ ही कन्वर्टेड लोगों के वीडियो और फोटो डालकर फंड जुटाया जाता.
धर्मांतरण करने वाले गैंग का खतरनाक मंसूबा
गौरतलब है कि ISIS के पैटर्न पर धर्मांतरण करने वाले इस गैंग का खतरनाक मंसूबा सामने आया है. दिल्ली से पकड़े गए अब्दुल रहमान कुरैशी के मोबाइल से आगरा पुलिस को 100 से अधिक संदिग्ध नंबर मिले हैं.
अब्दुल रहमान के मोबाइल से मिले ज्यादातर नंबर कश्मीर में चल रहे हैं. कश्मीरी लड़कियों को रेडिकलाइज करने के टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इतना ही नहीं ऑनलाइन लूडो गेम के जरिए पाकिस्तान में बैठा हैंडलर लड़के-लड़कियों को टारगेट करता था. ऑनलाइन लूडो के जरिए धर्मांतरण का खेल शुरू होता था.
दरअसल, लूडो गेम से पर्सनल चैट और फिर पर्सनल चैट से इस्लामिक वीडियो भेज कर धर्मांतरण करवाया जाता था. धर्मांतरण की तरफ बड़े लड़के-लड़कियों को रेडिकलाइज करने के लिए पाकिस्तान और दुबई में बैठे कई कट्टरपंथियों के ग्रुप से वीडियो कॉल के जरिए ट्रेनिंग करवाई जाती थी. हैरानी वाली बात ये है कि आगरा के धर्मांतरण सिंडिकेट का दिल्ली से कश्मीर और कश्मीर से पाकिस्तान वाया दुबई कनेक्शन भी सामने आया है. फिलहाल, यूपी एसटीएफ, एटीएस और अन्य जांच एजेंसियां पूरे मामले की पड़ताल कर रही हैं.