चंदौली: नियामताबाद ब्लॉक के अंतर्गत महेवा क्षेत्र में गंगा नदी का बड़ी नहर के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से शनिवार को सुबह किनारा टूट गया इस टूट के कारण तेज बहाव के साथ बाढ़ का पानी आस-पास के दर्जनों गांवों में तेजी से फैल गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
गांवों में पानी घुसने से हाहाकार
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, नहर का किनारा टूटते ही तेज धार खेतों, सड़कों और रिहायशी इलाकों में घुस गई. कई घरों में घुटनों से ऊपर तक पानी भर गया है। मवेशी और अनाज का भंडारण भी पानी में डूब गया, जिससे गांवों में अफरा-तफरी और भय का माहौल बन गया है। लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं.
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, लोगों ने किया रोड जाम
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने मुगलसराय-चकिया मुख्य मार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनका आरोप है कि घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, और न ही अब तक कोई राहत एवं बचाव कार्य शुरू हुआ है.
“अगर प्रशासन ने पहले ही ध्यान दिया होता, तो आज यह हालात न होते,” – प्रदर्शन कर रहे एक ग्रामीण ने गुस्से में कहा। ग्रामीणों ने कहा कि वे तब तक सड़क से नहीं हटेंगे जब तक जिला प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंचती.
सरकारी तंत्र पर सवाल
गांव वालों का कहना है कि उन्होंने नहर की स्थिति को लेकर पहले भी कई बार प्रशासन को अवगत कराया था, लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया। अब जब स्थिति बेकाबू हो गई है, तब प्रशासनिक अमला मौन है, और जिलाधिकारी सहित सिंचाई विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर अभी तक नहीं आया जिससे लोगों में भारी असंतोष है.
गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है की जल्द टूट को नहीं बाधा गया तो स्थिति और भी विकट हो सकती है. यदि जलस्तर में कमी नहीं आई, तो अन्य निचले इलाकों में भी पानी घुसने की आशंका है.
ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू किया जाए टूटे हुए किनारे की मरम्मत युद्धस्तर पर शुरू की जाए जिला अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लें.