हरदोई: कारगिल विजय पर हरदोई जिले के शहीद आबिद खां को याद किया जा रहा है, पाली कस्बा स्थित उनकी मजार को भव्य तरीके से सजाया गया है, यहां ईओ कृष्ण कुमार सोनकर, सभासदों, नगर पंचायत कर्मचारियों सहित तमाम लोग पहुंचे और आबिद खां की शहादत को सलाम किया. सभी ने शहीद आबिद की मजार पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
ज्ञात हो कि पाली कस्बा निवासी गफ्फार खां के पुत्र आबिद खां ने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों को अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था और 1 जुलाई 1999 को 17 पाक घुसपैठियों को अपनी गोली का शिकार बनाने के बाद मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.
आबिद खां का जन्म 6 मई सन् 1972 को हुआ था. उनके पिता गफ्फार खां किसान थे और मां नत्थन बेगम गृहणी, वह 5 फरवरी 1988 को सेना में भर्ती हुए. कारगिल युद्ध के दौरान आबिद खां ने टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को अपने पराक्रम का लोहा मनवाया और 17 घुसपैठियों को खत्म कर दिया, युद्ध के दौरान एक गोली आबिद खां को लगी, जिससे वह वीरगति को प्राप्त हुए. आज पूरा देश 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को याद कर रहा है.
शनिवार को शहीद आबिद खां की मजार पर पहुंचे नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने श्रृद्धासुमन अर्पित कर किए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के एकमात्र कारगिल शहीद आबिद खां ने पाली कस्बा सहित जिले का नाम रोशन किया, उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता. आबिद खां के बलिदान को याद कर आज की युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलेगी.
ईओ ने शहीद आबिद खां के परिजनों से भी मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना. नगर पंचायत कर्मियों द्वारा आबिद खां की मजार को बेहतरीन तरीके से सजाया गया है, फूलों की लड़ियों और गुब्बारों से मजार को सजाने का काम शुक्रवार से ही शुरू हो गया था. नगर पंचायत के वरिष्ठ लिपिक राकेश दीक्षित बबलू, नक्शा नवीस अब्दुल सलाम, सऊद खां, अतुल बाजपेई, गौरव मिश्रा, पुनीत त्रिवेदी, अमरीश, अमित शुक्ला एवं वार्ड सभासदों व अन्य तमाम लोगों ने शहीद की मजार पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.