भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में दुरुप्रयोग को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स आईडी डीएक्टिवट हो चुके हैं. संदिग्ध बुकिंग पैटर्न और फेक यूजर्स की पहचान के बाद IDs डीएक्टिवेट की गई हैं. संसद में सांसद ए.डी. सिंह के सवाल पर सरकार ने इसकी जानकारी दी गई है.
इन अकाउंट के डीएक्टिव होने से पहले तत्काल टिकट बुकिंग में कई तरह की समस्याएं आ रही थीं. अक्सर देखा जा रहा था कि तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के कुछ ही मिनटों में टिकट गायब हो जाते थे, क्योंकि बॉट्स का यूज करके एजेंट सारे टिकट गायब कर देते थे, जिससे आम यात्री टिकट बुक नहीं कर पाता था. हालांकि अब बदलाव के बाद रेलवे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है.
सरकार ने क्या दी जानकारी?
संसद में सरकार ने बताया कि टिकट बुकिंग सिस्टम में गड़बड़ियों को रोकने के लिए IRCTC ने हाल ही में 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर आईडी डीएक्टिव किए हैं. क्योंकि ये यूजर्स आईडी संदिग्ध पाए गए थे. सरकार ने बताया कि भारतीय रेलवे ने कंफर्म टिकट बुकिंग और डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए कुछ और बदलाव किए हैं.
रेलवे ने बदले हैं ये नियम
रिजर्व टिकट ऑनलाइन या कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों पर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर बुक किए जा सकते हैं. हालांकि कुल टिकटों का लगभग 89% ऑनलाइन माध्यम से बुक हो रहा है.
PRS काउंटर्स पर डिजिटल माध्यम से भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
1 जुलाई 2025 से तत्काल योजना के तहत टिकट केवल आधार वेरिफाई यूजर्स द्वारा ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट या ऐप के माध्यम से बुक किए जा सकते हैं.
एजेंटों को तत्काल रिजर्व खुलने के पहले 30 मिनट के दौरान तत्काल टिकट बुक करने से रोक दिया गया है.
ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट का स्टेटस की नियमित आधार पर निगरानी की जाती है और अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है.
इमरजेंसी कोटा को लेकर भी बदलाव
सरकार ने इमरजेंसी कोटा को लेकर भी बदलाव किया है. पहले इमरजेंसी कोटा के तहत टिकट बुकिंग करने के लिए यात्रा वाले दिन ही आवेदन किया जा सकता था, लेकिन अब 1 दिन पहले इमरजेंसी कोटा के लिए अप्लाई करना होगा. यह कोटा सांसद, उच्च अधिकारी, मेडिकल इमरजेंसी और सीनियर सिटीजन के लिए होता है.