मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से दिल को झकझोर कर रख देने की खबर सामने आई है. यहां जीजा ने अपनी साली और साढू के दो मासूम बच्चों को पहले साइकिल दिलवाने का लालच दिया. फिर उन्हें जंगल ले जाकर मार डाला. मामला एकतरफा मोहब्बत में बदला लेने का है. जीजा अपनी साली से प्यार करता था. मगर साली को ये सब पसंद न था. इसी बात से वो बौखलाया हुआ था.
यह सनसनीखेज वारदात सुभाष वार्ड इलाके की है. यहां सनकी आशिक ने बच्चों को साइकिल का लालच देकर जंगल में ले जाकर उनका गला रेत डाला. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए मुख्य आरोपी और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के मुताबिक, 30 साल की पूजा ढाकरिया, जो अपने पति से 8 साल पहले तलाक लेकर सिवनी में किराए के मकान में रह रही थी. वो अपने दो बेटों 9 साल के मयंक और 6 साल के दिव्यांश के साथ मेहनत-मजदूरी कर जीवन बसर कर रही थी. बड़ा बेटा क्लास 4 में और छोटा कक्षा 2 में पढ़ता था.
पूजा को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसका जीजा उसके परिवार को तहस-नहस करने की साजिश रच रहा था. पुलिस जांच में सामने आया कि भोजराम अपनी साली पूजा से एकतरफा प्यार करता था और उसके प्रति गलत इरादे पाले हुए था. पूजा के दोनों बच्चे उसकी राह में सबसे बड़ी रुकावट बन रहे थे. भोजराम ने पहले भी पूजा को बच्चों को अगवा करने और मारने की धमकी दी थी, लेकिन किसी ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया. उसकी सनक इस कदर बढ़ी कि उसने अपने दोस्त शुभम उर्फ यश के साथ मिलकर एक खतरनाक साजिश रची.
जंगल में ले जाकर की हत्या
15 जुलाई 2025 की शाम करीब 5:30 बजे, भोजराम ने मयंक और दिव्यांश को नई साइकिल दिलाने का लालच दिया. वह दोनों बच्चों को घसियारी चौक से ऑटो में बिठाकर जनता नगर चौक ले गया. वहां उसका दोस्त शुभम मिला और दोनों ने बच्चों को बाइक पर बैठाकर सिवनी-कटंगी मार्ग पर अंबामाई जंगल की ओर ले गए. सुनसान जंगल में पहुंचकर भोजराम ने धारदार चाकू से दोनों मासूमों का गला रेत डाला. इसके बाद, शवों को पत्थरों और गड्ढों में छिपाकर दोनों आरोपी फरार हो गए.
ड्राइवर ने उगला गहरा राज
16 जुलाई की सुबह, जब पूजा को अपने बच्चों के गायब होने का पता चला, वह तुरंत कोतवाली थाने पहुंची और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज की मदद से ऑटो चालक तक पहुंची. ड्राइवर ने बताया- मैंने बच्चों को एक युवक के साथ देखा था, जिसे बच्चे मौसा कहकर बुला रहे थे. पूजा ने भी अपने जीजा भोजराम पर शक जताया था. जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया.
आरोपी ने कबूल किया गुनाह
सख्ती से पूछताछ में भोजराम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. फिर उसने बताया कि शवों को कहां फेंका है. पुलिस ने भोजराम की निशानदेही पर अंबामाई जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया. 17 जुलाई को, जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर जंगल में एक बच्चे का शव गहरी खाई में और दूसरे का गड्ढे में पत्थरों के नीचे छिपा मिला. शवों की हालत देखकर पुलिस भी सन्न रह गई. पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को भेजा गया और हत्या में इस्तेमाल चाकू व खून से सने कपड़े भी बरामद किए गए.