सुपौल में सरकारी शिक्षक और चिकित्सक समेत दो को मारी गोली, मचा हड़कंप

सुपौल: जिले के थाना क्षेत्र की माधोपुर पंचायत के वार्ड संख्या चार स्थित राम टोला में एक भाई ने अपने दो बड़े भाइयों व एक भतीजे को गोली मार दी.

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इस घटना में गंभीर रूप से घायल बड़े भाई डा. सुशील कुमार राम (फिजियोथेरेपिस्ट), मंझले सुनील कुमार राम (प्राथमिक विद्यालय माधोपुर काजी टोला के प्रभारी एचएम) और उनके पुत्र गुड्डू कुमार राम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छातापुर लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को गंभीर हालत में सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.

सुपौल के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान डा. सुशील कुमार राम ने दम तोड़ दिया, जबकि अन्य दो घायलों का उपचार जारी है. स्वजन के अनुसार, मृतक डा. सुशील कुमार राम के पिता स्व. सुख सागर राम द्वारा बनवाए गए दो शौचालयों का उपयोग सभी भाई करते थे. हत्यारोपी चंदन कुमार राम एक शौचालय को अपने निजी उपयोग के लिए ताला लगाकर रखा था. शिक्षक सुनील कुमार राम की पत्नी दूसरे खुले शौचालय में शौच के लिए गई, जहां उनकी चंदन की पत्नी के साथ तीखी बहस हो गई. इसके बाद चंदन ने आग्नेयास्त्र लहराते हुए खूब हंगामा किया और अपने भाईयों को गोली मारने की धमकी दी.

मामले की सूचना के बाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और चंदन की मोटरसाइकिल को जब्त कर थाने ले गई. इसी बीच चंदन ने योजनाबद्ध तरीके से अपने बच्चों और पत्नी को मायके भेज दिया और खुद आसपास कहीं छिप गया. योजना के तहत वह घर पहुंचा और एक बार फिर दरवाजे पर गाली-गलौज शुरू कर दिया. माहौल शांत करने पहुंचे उनके दोनों बड़े भाइयों और एक भतीजे को उसने गोली मार दी. गोली लगने से घायल होकर जमीन पर गिरे पिता को देखकर डा. सुशील की बेटियों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने अपने चाचा चंदन की जमकर पिटाई कर दी.

घटना के दौरान फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और गोली लगने के बाद जमीन पर गिरे तीनों घायलों को सीएचसी छातापुर पहुंचाया. सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने झाड़ी में छिपे हत्यारोपी चंदन कुमार राम को ग्रामीणों की निशानदेही पर घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अभिरक्षा में उसका उपचार सीएचसी छातापुर में चल रहा है. पुलिस ने घटनास्थल से तीन खोखे बरामद किए हैं, लेकिन घटना में प्रयुक्त आग्नेयास्त्र की बरामदगी नहीं हो पाई है. गोलीकांड से आहत मृतक की मां उर्मिला देवी ने कहा कि आरोपी पुत्र को फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.

उन्होंने बताया कि चंदन मनबढ़ू प्रवृत्ति का है और जमीन बेचकर उसने पिस्तौल खरीदा था. एक साल पहले भी चंदन ने भाइयों के दरवाजे चढ़कर गोलीकांड किया था, जिसमें संयोगवश गोली किसी को न लगकर दीवार पर लगी थी. उस घटना में वह जेल भी गया था. स्वजन ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कहना है कि घटना से पहले शाम को पहुंची पुलिस यदि तत्काल चंदन को गिरफ्तार कर लेती तो शायद गोलीकांड नहीं होता.

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