Rajasthan: कराहल के भीमनगर प्राथमिक विद्यालय का ग्रामीणों और पालकों ने किया घेराव, जर्जर विद्यालय और गंदगी से परेशान

राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत और 35 बच्चों के घायल होने की दर्दनाक घटना के बाद स्कूलों के जांच के आदेश भले हु हुए हो. लेकिन जमीनी हकीकत अब भी हैरान कर देंगी.

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श्योपुर जिले मुख्यालय से करीब 54 किलोमीटर दूर कराहल की भीमनगर प्राथमिक विद्यालय के हालात बद से बत्तर हैं.यहां पर स्कूल की हालत इतनी जर्जर है कि इसमें बच्चे बैठ नहीं सकते है.छत से टपकता पानी,जगह जगह से दीवारों में दरार 25 साल से मरमत का इंतजार करता यह स्कूल इस पर जिला प्रशासन ने ध्यान तक नहीं दिया है.

ग्रामीणों और पालकों ने जर्जर विद्यालय मरम्मत और नवीन भवन की मांग की 

ग्रामीणों और पालकों ने कराहल के भीमनगर प्राथमिक विद्यालय पर पहुंचकर हंगामा कर दिया. यह हंगामा काफी घंटे तक चला.ग्रामीणों ने मांग की है क्षतिग्रस्त भवन में ननिहाल बच्चों का भविष्य खतरे में है.यह भवन जर्जर होने के चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घटित कर सकता है. इसके बाद प्रशासन के अधिकारियों को कई बार इसकी जानकारी दे दी गई है.इसके बाद भी प्रशानिक अधिकारियों ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया है.ग्रामीणों का आरोप है कि बच्चों के साथ कभी भी कोई घटना घटित हो सकती है।इसके अलावा स्कूल परिसर के चारों और बारिश का पानी और झाड़ियां उग रही है.बच्चों को कीड़ों का डर बना रहता है. गंदा पानी जमा होने से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में मौन बने हुए है.

ग्रामीणों का आरोप न शौचालय न पानी 

ग्रामीणों का आरोप है कि इस विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं है.इसके अलावा यहां पर शौचालय की सुविधा नहीं होने से ननिहाल बच्चे और स्कूल के शिक्षक खुले में शौच करने को मजबूर है.

ग्रामीणों का आरोप समय समय पर नहीं आते शिक्षक 

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस स्कूल में करीब 18 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है. शिक्षिकाए पदस्थ हैं।उनमें से एक शिक्षिका पिछले एक सप्ताहत्से बिना किसी को सूचना दिए अनुपस्थित है.इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

शिक्षा विभाग की टीम ने औपचारिक निरीक्षक किया 

ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय की बदहाल हालात की जांच करने के लिए बीआरसीसी की टीम द्वारा औपचारिक निरीक्षण किया और लिखित अवलोकन की रिपोर्ट भी तैयार नहीं की गई। इस रिपोर्ट में स्कूल में साफ सफाई, पोषण आहार, मध्याह्न भोजन, अनुपस्थित शिक्षिका और भवन की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई.

 

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