मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बगीचा विकास खंड के सन्ना तहसील में आरचेरी अकादमी बनाने के लिए 20 करोड़ 53 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी गई है। एन टी पी सी ने सी एस आर फंड से यह राशि दिया गया
तीरंदाजी अकादमी में दूरस्थ अंचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों और अन्य आदिवासी बच्चों को खेल अभ्यास कराया जाएगा ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा राज्य से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। तीरंदाजी केन्द्र में अभ्यास के लिए एक खेल मैदान, छोटा पुस्तकालय, मेडिकल की सुविधा, बच्चों का कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र, छोटा नर्सरी और हर्बल चाय की खेती की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आरचेरी एक खेल और कला है जिसमें धनुष और बाण का उपयोग करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। यह एक प्राचीन गतिविधि है
धनुष यह एक लचीली वस्तु होती है जिससे बाण को छोड़ा जाता है।
बाण नुकीला तीर जिसे लक्ष्य पर छोड़ा जाता है।
लक्ष्य जिस पर निशाना लगाया जाता है, आमतौर पर एक गोल आकृति होती है जिसमें अलग-अलग रंग और स्कोर क्षेत्र होते हैं।
निशाना लगाने की तकनीक इसमें एकाग्रता, संतुलन और शरीर की स्थिरता बहुत ज़रूरी होती है। भारत में आरचेरी का गहरा इतिहास है। महाभारत और रामायण में भी धनुर्विद्या का उल्लेख है। आधुनिक खेलों में भारत के खिलाड़ी जैसे दीपिका कुमारी और अतनु दास ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।