इटावा में शुक्रवार को वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आने से जिस महिला की दर्दनाक मौत हुई थी, उसकी पहचान 24 घंटे बाद शनिवार को हो पाई है. मृतका की शिनाख्त दुलारी देवी (65) के रूप में हुई है, जो फ्रेंड्स कॉलोनी के दतावली की निवासी थीं और स्वर्गीय रामसनेही की पत्नी थीं. उनके पुत्र सुदीप ने जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) थाने में पहुंचकर अपनी मां की पहचान की, जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. इस हृदयविदारक घटना से पूरा परिवार सदमे में है और उनका रो-रोकर बुरा हाल है.
यह दुखद हादसा शुक्रवार को इटावा रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के पास, गुरु तेज बहादुर पुल के नीचे हुआ. दुलारी देवी रेलवे ट्रैक पार कर रही थीं, तभी नई दिल्ली की ओर तीव्र गति से जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस वहां से गुजरी. ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई. रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों और रेलवे पुलिस ने शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिन तुरंत सफलता नहीं मिल पाई थी.
मानसिक अस्वस्थता और गुमशुदगी
दुलारी देवी के पुत्र सुदीप ने बताया कि उनकी मां मानसिक रूप से अस्वस्थ थीं और पिछले छह महीनों से शहर के आईटीआई क्षेत्र स्थित अजबश्री हॉस्पिटल में डॉ. शैलेन्द्र यादव से उनका इलाज चल रहा था. शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे दुलारी देवी ने परिवार को बताया कि वह अस्पताल जा रही हैं और घर से निकल गईं. शाम तक जब वह वापस नहीं लौटीं, तो उनकी भाभी ने सुदीप को इसकी सूचना दी. इसके बाद परिवार ने दुलारी देवी की तलाश शुरू की, लेकिन रात भर उनका कोई सुराग नहीं मिल सका.
पहचान की पुष्टि
शनिवार सुबह सुदीप को गांव के ही ई-रिक्शा चालक सुरेश से एक अहम जानकारी मिली. सुरेश ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को दुलारी देवी को काजी पंप के पास रेलवे लाइन पार करते देखा था. यह जानकारी मिलते ही सुदीप तुरंत उस स्थान पर पहुंचे, जहां उन्हें कुछ लोगों ने बताया कि शुक्रवार को वहां एक महिला ट्रेन से कट गई थी.
इस सूचना पर सुदीप के मन में आशंका हुई और वह तुरंत जीआरपी थाने पहुंचे. वहां उन्होंने अपनी मां की तस्वीर पुलिसकर्मियों को दिखाई, जिससे यह पुष्टि हो सकी कि वंदे भारत एक्सप्रेस से कटी हुई महिला कोई और नहीं बल्कि उनकी मां दुलारी देवी ही थीं.
शिनाख्त के बाद जीआरपी ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया.