ITR Filing के बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बनाया रिकॉर्ड, ये रही डिटेल

आयकर विभाग की ओर से ITR फाइलिंग को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए उठाए गए कदमों का असर अब साफ दिख रहा है. फर्जी सीए और स्कैमर्स पर नकेल कसने से लेकर टैक्सपेयर्स को सही दिशा-निर्देश देने तक, विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं. इन प्रयासों की वजह से पिछले 15 दिनों से Google Trends पर ‘Income Tax Department’ टॉप कीवर्ड्स में ट्रेंड कर रहा है. लोग टैक्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान पाने के लिए इस कीवर्ड का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं.

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आयकर विभाग सिर्फ ITR फाइलिंग की वजह से ही चर्चा में नहीं है. पिछले 10 दिनों में कई ऐसी खबरें सामने आईं, जिनमें विभाग ने फर्जी टैक्स गतिविधियों में शामिल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अन्य संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है.

फर्जी दावों पर नकेल

हाल ही में सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर बताया कि कुछ टैक्सपेयर्स ने फर्जी कटौतियों और छूट के जरिए गलत रिफंड हासिल किए. इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए आयकर विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है. 14 जुलाई को वित्त मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और प्रोफेशनल इंटरमीडियरीज टैक्सपेयर्स को फर्जी कटौतियों और छूट के जरिए ज्यादा रिफंड दिलाने में मदद कर रहे थे. इस सर्कुलर के बाद आयकर विभाग ने देशभर में 150 से 200 स्थानों पर छापेमारी शुरू की. ये छापे मुख्य रूप से उन संस्थाओं और व्यक्तियों पर केंद्रित थे, जो पॉलिटिकल डोनेशन, ट्यूशन फीस और हेल्थ खर्चों जैसे मदों में फर्जी दावे कर रहे थे.

AI और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल

इस पूरी कार्रवाई में आयकर विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स का सहारा लिया. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कई टैक्सपेयर्स ने फर्जी रसीदों और दस्तावेजों के आधार पर गलत रिफंड लिया. कुछ मामलों में तो TDS रिटर्न भी धोखाधड़ी से दाखिल किए गए. विभाग की इस सख्ती का असर यह हुआ कि पिछले कुछ महीनों में करीब 40,000 टैक्सपेयर्स ने खुद सामने आकर अपने गलत दावों को वापस लिया. इन दावों की कुल कीमत लगभग 1,045 करोड़ रुपये थी.

सरकारी कर्मचारी और कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स भी शामिल

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस फर्जीवाड़े में सरकारी कर्मचारी, PSU कर्मचारी और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स भी शामिल थे. कई मामलों में लोग व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए फर्जी रिफंड लेने के तरीके सीख रहे थे. इन ग्रुप्स के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार करने और गलत दावे दाखिल करने की जानकारी साझा की जा रही थी.

आयकर विभाग की सख्ती का असर

आयकर विभाग की इस सख्त कार्रवाई ने न केवल फर्जीवाड़े को उजागर किया, बल्कि टैक्सपेयर्स के बीच भी जागरूकता बढ़ाई है. विभाग की ओर से किए गए तकनीकी और नीतिगत सुधारों ने ITR फाइलिंग को और पारदर्शी बनाया है. साथ ही, AI और डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल से फर्जी दावों की पहचान अब पहले से कहीं ज्यादा तेज और सटीक हो गई है.

आयकर विभाग की यह मुहिम न सिर्फ टैक्स चोरी रोकने में मदद कर रही है, बल्कि ईमानदार टैक्सपेयर्स को भी सही दिशा-निर्देश देकर उनकी मदद कर रही है. Google Trends पर ट्रेंड करने के साथ-साथ विभाग की यह सक्रियता टैक्स सिस्टम में विश्वास बढ़ाने का काम कर रही है.

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