जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को ऐसी चोट दी कि वो कभी नहीं भूलेगा. भारतीय सेना ने आतंकियों के 9 ठिकानों को नेस्त ओ नाबूद कर दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान के कई फाइटर जेट भी तबाह कर दिया. इस बीच बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियार नाकाम रहे.
बीते शनिवार को वीआईटी चेन्नई परिसर में तमिलनाडु उच्च शिक्षा शिक्षक संघ के तत्वावधान में आयोजित ‘विकसित भारत का रोड मैप – एक बहुविषयक दृष्टिकोण’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया, लेकिन पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किये गये चीनी हथियार नाकाम रहे.
‘ऑपरेशन सिंदूर से चीन पर असर’
उन्होंने दावा किया कि मई में आतंकवाद निरोधक अभियान के बाद जहां भारत की रक्षा क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है वहीं चीन की रक्षा क्षमता में गिरावट आई. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने पाकिस्तान के साथ ही एक अन्य देश चीन को भी प्रभावित किया, क्योंकि युद्ध में चीनी हथियारों का इस्तेमाल विफल साबित हुआ है.
‘चीन की रक्षा क्षमता में आई गिरावट’
सांसद ने कहा कि ‘एविक सिस्टम्स चेंगदू’ द्वारा निर्माण किए जाने वाले जेएफ-17 विमान और पीएल-15 विमान, जिनका इस्तेमाल जंग के दौरान पाकिस्तान द्वारा किया गया था, उनके रक्षा भंडार में 9 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. वहीं इसके विपरीत, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर समेत भारत के रक्षा भंडार में तेजी से वृद्धि हुई, क्योंकि ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए हथियार स्वदेशी रूप से निर्मित थे.
‘भारत रक्षा विनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा’
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के यूरोप से हटने के बाद भारत रक्षा विनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि यह विकसित भारत 25 साल का कार्यक्रम है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, यह भारत के अगले 1,000 सालों की नींव रखेगा.
‘भाषाई कार्ड खेलना बंद करें राजनीतिक दल’
इसके साथ ही भाषा विवाद को लेकर बीजेपी नेता ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वो औपनिवेशिक विरासत और स्वतंत्रता के बाद लोगों के मन में बसाई गई मानसिकता से बाहर आएं और भाषाई कार्ड खेलना बंद करें. राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, जो लोग भाषा को मुद्दा बनाना चाहते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि क्या उन्होंने कभी अपनी क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा प्रदान करने के बारे में सोचा था?. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 15 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा सुनिश्चित की है.