15 अगस्त से रानी कमलापति स्टेशन की शान बढ़ाएगा 1991 का नैरो गेज इंजन, 30 साल बाद हुआ रिटायर

भारतीय रेलवे की समृद्ध तकनीकी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर वर्ष 1991 में सेवा में आए एक विशेष नैरो गेज (एनजी) इंजन को अब धरोहर के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक इंजन का औपचारिक उद्घाटन स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को किया जाएगा।

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नवंबर 2023 में मिला धरोहर का दर्जा

22 टन वजनी यह एनजी लोको नंबर 514 (जेडडीएम5) इंजन 3 नवंबर 2023 को रेलवे द्वारा आधिकारिक रूप से धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया था। इसका निर्माण वर्ष 1991 में हुआ था और इसे प्रारंभ में धौलपुर क्षेत्र में नैरो गेज ट्रेनों के संचालन में लगाया गया था। इसने अपनी पहली यात्रा 3 जून 1991 को की और लगभग 28 वर्षों तक सेवाएं देने के बाद एक अप्रैल 2019 को सेवानिवृत्त कर दिया गया। इसके बाद, इसे अंतिम बार 30 मार्च 2023 को चलाया गया और एक अप्रैल 2023 को औपचारिक रूप से सेवा से बाहर कर दिया गया।

विशेष सजावट के साथ होगा प्रदर्शित

इस इंजन को वैक्यूम डीजल एनसीआर लोको शेड द्वारा लंबे समय तक संरक्षित रखा गया। इसके बाद इसे 23 जुलाई को धौलपुर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन लाया गया और स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष रूप से सजाकर प्रदर्शित किया जाएगा। नैरो गेज पटरियों पर चलने वाले इस इंजन की चौड़ाई मात्र 762 मिमी होती है, जो सामान्य ब्राड गेज की तुलना में बहुत कम है। नैरो गेज ट्रेनों का उपयोग भारत के पहाड़ी व ग्रामीण इलाकों में व्यापक रूप से होता रहा है।

अधिकारियों ने क्या कहा?

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के महाप्रबंधक मोहित सोमैया ने कहा कि यह इंजन भारतीय रेलवे के तकनीकी विकास और इतिहास का प्रतीक है। इसे संरक्षित करके भविष्य की पीढ़ियों को रेलवे की विरासत से जोड़ने का प्रयास किया गया है।

 

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