बलरामपुर में विद्युत कनेक्शन के नाम पर अवैध वसूली का मामला: जेई शांतनु बर्धन निलंबित, वायरल वीडियो से हुआ पर्दाफाश

बलरामपुर: जिले के ग्राम भेंडरी में विद्युत कनेक्शन दिलाने के नाम पर अवैध रूप से पैसे लेने के आरोप में विद्युत विभाग के सहायक अभियंता (जेई) शांतनु बर्धन को निलंबित कर दिया गया है. यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित ग्रामीण ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई और उस दौरान संबंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें शांतनु बर्धन को पैसे लेते हुए देखा गया.

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ग्राम भेंडरी के एक निवासी ने आरोप लगाया कि शांतनु बर्धन ने उसे विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के बदले नकद राशि की मांग की. ग्रामीण ने इस पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया और जनदर्शन के दौरान यह प्रमाण कलेक्टर को सौंप दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही मामला तूल पकड़ गया और प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई. हालांकि वयम भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए शांतनु बर्धन को उनके पद से निलंबित कर दिया. उन्हें फिलहाल कार्यमुक्त करते हुए कार्यालय कार्यपालन अभियंता, बीजापुर मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि विभागीय स्तर पर जांच समिति गठित की गई है, जो इस मामले की गहनता से जांच करेगी.

बलरामपुर कलेक्टर ने जनदर्शन में प्राप्त शिकायत पर संवेदनशीलता दिखाते हुए जो त्वरित निर्णय लिया है, उसकी स्थानीय स्तर पर सराहना की जा रही है. यह घटना न केवल पीड़ित ग्रामीण को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उन अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है जो अपने पद का दुरुपयोग करते हैं.

ग्रामीणों की मांग- पूरे विद्युत विभाग की हो जांच

इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भी सामने आया है. कई लोगों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग में लंबे समय से इस तरह की अवैध वसूली होती आ रही है, लेकिन शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती थी. अब जब एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई है, तो ग्रामीणों ने मांग की है कि विभाग की अन्य शाखाओं और अधिकारियों की भी निष्पक्ष जांच कराई जाए.

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक (वीडियो रिकॉर्डिंग) और जनसुनवाई जैसे मंच भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी हथियार बन सकते हैं. बलरामपुर प्रशासन की यह कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है कि यदि शिकायतें ठोस साक्ष्यों के साथ सामने आएं, तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है.

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