Zomato से ऑर्डर की बिरयानी, खा गया डिलीवरी बॉय… ऐसे में क्या करे कस्टमर?

नोएडा की आईटी कंपनी में काम करने वाले राहुल का ऑफिस से लौटने के बाद देर शाम बिरयानी खाने का मूड हुआ तो जौमेटो से अपनी पसंदीदा सोया चाप बिरयानी ऑर्डर की, जो उन्होंने स्थानीय रेस्तरां “बिरयानी ब्लू” से ऑर्डर की थी. ऐप ने ऑर्डर कंफर्म भी किया और राहुल ने सोचा कि 45 मिनट में उनका खाना आ जाएगा, लेकिन 45 मिनट की डेडलाइन पूरी हो चुकी थी, उनकी भूख से हालत खराब थी. वो बार-बार डिलीवरी बॉय का लोकेशन चेक कर रहे थे, उनकी उम्मीदें निराशा में बदल गईं, जब एक घंटे गुजर गए और डिलीवरी का कोई अता-पता नहीं था.

राहुल ने जोमैटो ऐप चेक किया, जिसमें ऑर्डर “आउट फॉर डिलीवरी” दिख रहा था, उन्होंने डिलीवरी बॉय को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. कई कोशिशों के बाद आखिरकार कॉल जुड़ा. डिलीवरी बॉय ने लापरवाही भरे लहजे में कहा, “सर, आपका फोन नहीं लगा, तो मैंने बिरयानी खा ली”. हैरान राहुल ने विरोध किया और बताया कि उनका फोन ऑन था और कोई कॉल नहीं आया. लेकिन डिलीवरी बॉय ने फोन काट दिया. राहुल जिस सोसायटी में रहते हैं वहां गेट पर एंट्री करनी होती है, इंटरकाम की सर्विस भी मौजूद हैं, लेकिन डिलीवरी बॉय ने उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की.

परेशान राहुल ने जोमैटो के कस्टमर सपोर्ट से संपर्क किया, उन्हें ऑटोमेटेड जवाबों की भूलभुलैया से गुजरना पड़ा. कस्टमर सपोर्ट ने अपनी गलती मानने की बजाय ये कहा कि हमारे डिलीवरी पार्टनर और सपोर्ट टीम ने आपको कई बार कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की, लेकिन आपसे बात नहीं हो पाई इसलिए ऑर्डर कैंसिल करना पड़ा. सबसे बड़ी मुसीबत तो ये हुई कि खाना भी नहीं मिला और उनके अकाउंट से 630 रुपये भी कट गए. कई दिनों तक फॉलो-अप करने के बावजूद, उनकी पेमेंट वापस नहीं हुई, और डिलीवरी बॉय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

दोबारा ऑर्डर पर भी हुई परेशानी
राहुल के साथ ऐसी घटना एक बार और हुई उन्होंने उसी रेस्तरां से बिरयानी ऑर्डर की. इस बार उन्होंने अपने फोन की सेटिंग्स दोबारा चेक कीं और ऐप पर सही नंबर डाला, लेकिन फिर वही हादसा हुआ. डिलीवरी स्टेटस “आउट फॉर डिलीवरी” पर अटक गया, और एक घंटे इंतजार करने के बाद राहुल ने डिलीवरी बॉय को कॉल किया. जवाब वही पुराना था. “सर, आपका फोन नहीं लगा, तो मैंने ऑर्डर किसी और को दे दिया.” राहुल ने और जानकारी मांगी, लेकिन कॉल काट दी गई, और कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला. बिरयानी कभी नहीं पहुंची, और इस बार भी उनके पैसे कट गए. पेमेंट वापस नहीं हुई, कई बार शिकायत करने के बावजूद न पैसे लौटे, न कोई समाधान मिला जोमैटो का कस्टमर सपोर्ट सिस्टम सिर्फ रोबोटिक जवाब देता रहा, बिना किसी जवाबदेही या ठोस कार्रवाई के.

देश में लाखों लोग रोजाना जोमैटो से खाना आर्डर करते हैं, कंपनी टाइम पर डिलीवरी भी करती है, लेकिन कई बार इस तरह के मामले सामने आते हैं, जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. राहुल का अनुभव जोमैटो की डिलीवरी और कस्टमर सर्विस प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल उठाता है. दोनों मामलों में “फोन न लगने” का बहाना बनाकर उनके ऑर्डर का गलत इस्तेमाल किया गया, जबकि राहुल का दावा है कि उनका फोन पूरी तरह काम कर रहा था. उनसे सोसायटी में Mygate app पर घर आने जाने वाले का रिकॉर्ड रहता है, साथ ही इंटरकाम से गार्ड ता फोन भी आता है, लेकिन उनके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ

राहुल का यह कोई अकेला मामला नहीं है. अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य ग्राहकों की ऐसी ही कहानियां सामने आती रहती हैं, जिन्हें डिलीवरी में गड़बड़ी और गैर-जिम्मेदार सपोर्ट का सामना करना पड़ता है. इस तरह के मामलों में अगर डिलिवरी में परेशानी आए तो कंपनी की क्या पॉलिसी है ये जानने के लिए aajtalk.in ने जोमैटो से भी बात की.

जोमेटो का बयान
‘हमारे पास मजबूत सिस्टम हैं. जो डिलीवरी पार्टनर्स के दावों को चेक करते हैं, जैसे कि जब वे कहते हैं कि कस्टमर उपलब्ध नहीं है. उदाहरण के लिए, अगर कोई डिलीवरी पार्टनर जोमैटो डिलीवरी ऐप के हेल्प सेक्शन में ‘कस्टमर जवाब नहीं दे रहा’ ऑप्शन चुनता है, तो हम तुरंत चेक करते हैं कि उनकी कस्टमर को की गई आखिरी कॉल बिना जवाब के थी या फेल हुई थी. अगर दावा गलत पाया जाता है, तो डिलीवरी पार्टनर को उस सपोर्ट प्रक्रिया में आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं होती और उसे डिलीवरी पूरी करने के लिए कहा जाता है.’

‘अगर कोई ऑर्डर संदिग्ध परिस्थितियों में कैंसिल होता है, तो हमारे ट्रेंड सपोर्ट एजेंट डिलीवरी पार्टनर के दावों को वेरिफाई करते हैं, जिसमें कस्टमर से डिटेल्स कन्फर्म करना भी शामिल है, फिर ऑर्डर को मैन्युअल रिव्यू के लिए फ्लैग करते हैं. अगर दावा गलत निकलता है, तो हम कस्टमर के लिए कैंसिलेशन पेनल्टी माफ कर देते हैं. हम उन डिलीवरी पार्टनर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हैं, जो हमारे आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, सभी डिलीवरी पार्टनर्स को शुरू में ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें डिलीवरी हैंडल करने के सही तरीके और अपेक्षाएं साफ-साफ बताई जाती हैं. कस्टमर की शिकायतों के लिए, हमारे पास एक व्यवस्थित समाधान प्रक्रिया है, और सभी सपोर्ट चैनल हमारी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से लिस्टेड हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और आसानी से मदद मिल सके. इसमें रियल-टाइम मदद के लिए इन-ऐप चैट सपोर्ट, अनसुलझे मुद्दों के लिए ईमेल सपोर्ट, चैट या ईमेल से संतोषजनक समाधान न मिलने पर फोन सपोर्ट, और अगर फिर भी बात न बने तो शिकायत अधिकारी तक मामला बढ़ाने की सुविधा शामिल है. ये कदम सुनिश्चित करते हैं कि हर ऑर्डर ईमानदारी से डिलीवर हो और किसी भी उल्लंघन को जल्दी और गंभीरता से निपटाया जाए.’

डिलीवरी में गड़बड़ी हो तो कस्टमर क्या करें?
अगर चैट, ईमेल, या फोन से समस्या हल न हो, तो जोमैटो की वेबसाइट पर दिए गए शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) के डिटेल्स चेक करें, अपनी शिकायत को औपचारिक रूप से उनके पास भेजें, जिसमें ऑर्डर डिटेल्स, पिछली बातचीत का रिकॉर्ड, और सबूत शामिल हों. अगर जोमैटो से कोई समाधान न मिले, जैसे रिफंड न मिलना या बार-बार गड़बड़ी, तो आप कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. भविष्य में ऑर्डर करते समय कैश ऑन डिलीवरी (COD) चुनें ताकि डिलीवरी न होने पर पैसे न कटें.

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