हादसे में पैर टूटा, रेफर-रेफर के चक्कर में गई जान:बलौदाबाजार में ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर; परिजनों का आरोप-समय पर नहीं मिला इलाज

बलौदाबाजार रायपुर मार्ग पर सड़क हादसे में एक युवक का पैर टूटा था लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी जान चली गई। घटना 26 जुलाई की शाम साढ़े 4 बजे बिनौरी मोड़ के पास की है। परिजनों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने रेफर किया जिससे उसकी स्थिति बिगड़ गई।

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मामला पलारी थाना क्षेत्र का है। परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने शव देने के लिए 58 हजार रुपए मांगे, उन्होंने केवल 10 हजार रुपए दिए।

थानेदार ने सरकारी अस्पताल पहुंचाया

जानकारी के मुताबिक, ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मारी थी। घटना के बाद युवक घायल पड़ा था। सड़क हादसे के आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर थानेदार ने एक मालवाहक गाड़ी से घायल को पलारी के सरकारी अस्पताल पहुंचाया। वहां परिजनों की अनुपस्थिति में ड्यूटी डॉक्टर आदित्य वर्मा ने उन्हें दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया।

घटनास्थल पर रिटायर्ड आर्मी मेन भरत ठाकुर ने घायल को प्राथमिक उपचार दिया। उन्होंने भीड़ से स्कार्फ लेकर पुलिस के डंडे का सहारा बनाते हुए घायल के पैर पर पट्टी बांधी। प्रभारी हेमंत पटेल और उनके स्टाफ ने एम्बुलेंस का इंतजार किया।

सूचना मिलते ही परिजन पहुंचे

सूचना मिलने पर ग्राम बोहारडीह (जोंधरा) से घायल का पुत्र निरंजन कांत और अन्य परिजन पलारी पहुंचे। उन्हें बताया गया कि घायल को जिला अस्पताल रिफर किया गया है। जिला अस्पताल पहुंचने पर घायल वहां नहीं मिला।

परिजनों को पुलिस के माध्यम से पता चला कि घायल को जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निजी अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल प्रबंधक ने इलाज के लिए मोटी रकम की मांग की।

रेफर के चक्कर में जान जाने का आरोप

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर को घायल को जिला अस्पताल भेजना था, लेकिन उन्होंने प्राइवेट अस्पताल रिफर किया। बाद में घायल की मौत हो गई। शव वापस देने के लिए भी डॉक्टरों ने पैसे मांगे।

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