लोकसभा में सोमवार को पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर खास चर्चा शुरू हुई. इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और सेना की कार्रवाई को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में अपने सभी तय टारगेट्स को सफलतापूर्वक हिट किया और ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा. राजनाथ सिंह ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने हमसे कभी नहीं पूछा कि दुश्मन के कितने विमान मार गिराए.”
यह टिप्पणी उस बहस के संदर्भ में थी जब राहुल गांधी और विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहे थे कि इस ऑपरेशन में भारत के कितने फाइटर जेट्स को नुकसान पहुंचा है. राहुल गांधी ने पहले भी भारतीय वायु सेना को कथित नुकसान को लेकर लगातार सवाल उठाए हैं. उन्होंने खासतौर से तब सवाल उठाए जब 10 जून को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक सेमिनार के दौरान भारत के डिफेंस अटैचे इंडियन नेवी के कैप्टन शिव कुमार ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना ने “कुछ एयरक्राफ्ट” खोए थे.
जनरल अनिल चौहान ने नुकसान की बात स्वीकार की थी
इस बयान को लेकर विवाद भी हुआ था, लेकिन बाद में भारतीय दूतावास ने इसे “बात को गलत संदर्भ में पेश किया गया” और “गलत तरीके से रिपोर्ट किया गया” कहकर सफाई दी थी. इस बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भी मई में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान दिए गए इंटरव्यू में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के उस दावे को खारिज किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के छह फाइटर जेट्स (जिनमें चार राफेल शामिल हैं) को गिराया है.
जनरल चौहान ने कहा था, “यह दावा बिल्कुल गलत है.” उन्होंने यह भी कहा, “असल मुद्दा यह नहीं है कि कितने जेट गिरे, बल्कि यह है कि वे गिरे क्यों? कहां गलती हुई, और हम उससे क्या सीख सकते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि नंबर नहीं, बल्कि विश्लेषण ज्यादा जरूरी है.
आर्मी चीफ ने कहा था कि शुरुआती चरण में नुकसान हुए
एक अन्य इंटरव्यू में, जो उन्होंने रॉयटर्स को दिया था, उसमें जनरल चौहान ने स्वीकार किया था कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में भारत को नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा था, “शुरुआती चरण में कुछ नुकसान हुए, लेकिन यह समझना जरूरी है कि वो नुकसान क्यों हुए और उसके बाद हमने क्या कदम उठाए.”