सिरोही: आबूरोड के सुरपगला स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चूका है. बारिश में सभी कमरों की दीवारें दरक रही है. इससे विद्यार्थी डर के साए में पढ़ाई कर रहे है. झालावाड़ में हाल ही में स्कूल भवन गिरने की घटना के बाद सुरपगला के ग्रामीणों में भय और आक्रोश बढ़ गया है. सोमवार को ग्रामीणों और अभिभावकों में आक्रोश देखने को मिला जहां बड़ी संख्या में गांव के लोग और महिलाओं के साथ स्कूल के विद्यार्थी स्कूल पहुंचे. स्कूल भवन की जर्जर अवस्था को लेकर शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए स्कूल बंद करने की मांग की और ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का फैसला लिया.
इस दौरान रीको पुलिस मौके पर तैनात रही आपको बता दें की राजकीय स्कूल में कुल 215 छात्र-छात्राओं का नामांकन है.और बारिश में स्कूल के सभी कमरों की छत से पानी टपकता है बच्चों की जान को खतरा बना हुआ है बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को विवश है.
ग्रामीणों में डर का माहौल है जिस कारण गांव के सभी लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है और विद्यार्थी शिक्षा से वंचित होते दिखाई दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल 30 से 40 वर्ष पुराना है. वर्तमान में स्कूल में केवल 6 कक्ष है. इसमें से एक कक्षा की पांच पटियां 3 वर्षों से टूटी पड़ी है जो कभी भी गिर सकती है. नवीन भूमि आवंटन के लिए ग्राम वासियों ने भूमि आवंटन फाइल जिला कार्यालय को दिया था. लेकिन दो बार जिला कार्यालय ने फाइल को निरस्त कर दिया.
ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना पर तहसीलदार मगनाराम मीणा और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सतीश पुरोहित मौके पर पहुंचे.जहां उन्होंने स्कूल के जर्जर अवस्था को देखा इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पंचायत के सभा भवन और हनुमान मंदिर के टिन सेड में स्कूल संचालित करने के निर्देश दिए. तहसीलदार ने आश्वासन दिया है कि जल्दी ही नए भवन निर्माण के लिए प्रयास किए जाएंगे इसके बाद सभी ग्रामीणों ने प्रदर्शन को समाप्त किया.