ग्रेटर नोएडा में ईकोटेक-1 कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी ऑनलाइन ठगी का खुलासा किया है. पुलिस ने ऐसी कंपनी का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को जल्दी अमीर बनाने का सपना दिखाकर लाखों रुपये की ठगी कर रही थी. इस गिरोह ने मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीम के नाम पर लोगों को गहने, घड़ियों और कीमती चीजों में निवेश कराने के बहाने फंसाया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है
एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विधान डागर (पश्चिम मेदिनीपुर, बंगाल), सतीश शाव (रांची, झारखंड), कल्पेश राजू भाई (बनासकांठा, गुजरात), गुरविंदर सिंह (लुधियाना, पंजाब), गुरदीप सिंह (मुक्तसर, पंजाब), कौशिक डागर, गणेश बेरा और तापस धारा (सभी पश्चिम मेदिनीपुर, बंगाल) के रूप में हुई है. ये सभी आरोपी ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटियों में फ्लैट किराए पर लेकर फर्जी कंपनी चला रहे थे.
पुलिस जांच में सामने आया कि ये आरोपी ‘क्यूनेट/विहान’ नामक फर्जी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी के नाम पर लोगों को ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से झांसा देते थे. गूगल मीट पर आयोजित सेमिनारों में उन्हें जल्दी करोड़पति बनने के सपने दिखाए जाते थे. इनसे कहा जाता था कि यदि वे कंपनी के महंगे प्रोडक्ट (जैसे हीरे, घड़ियां, सोना) खरीदते हैं और दूसरों को जोड़ते हैं, तो भारी मुनाफा मिलेगा. शुरुआत में निवेश के लिए लगभग 1.5 लाख रुपये की मांग की जाती थी, जो डॉलर या बिटकॉइन के माध्यम से भेजे जाते थे.
जब निवेशकों को कोई लाभ नहीं मिलता, तो उनसे और अधिक प्रोडक्ट खरीदने या लोन दिलवाने के नाम पर और पैसे वसूले जाते थे. धीरे-धीरे लोग इस जाल में पूरी तरह फंस जाते थे. पुलिस को आरोपियों के पास से 10 लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 5 टैबलेट, 30 एटीएम कार्ड, चार महंगी घड़ियां, एक करोड़ रुपये का चेक और एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है.
पहले से ही राजस्थान और मेघालय समेत कई राज्यों में केस दर्ज
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों में से कुछ का सेना से जुड़ा बैकग्राउंड है, जिसका फायदा उठाकर वे सेना के जवानों को भी फंसा लेते थे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि जल्दी अमीर बनने की चाहत में लोग खुद ही उनके झांसे में आ जाते थे. इनके खिलाफ पहले से ही दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW), राजस्थान और मेघालय समेत कई राज्यों में केस दर्ज हैं.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित के भाई प्रवीण कुमार पाल ने शिकायत दर्ज कराई. उनके चचेरे भाई निखिल कुमार पाल से आरोपियों ने कहा कि वे एक बड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिला सकते हैं, जिसमें भारी मुनाफा मिलेगा. निखिल ने उनके कहने पर दो बार में कुल 7.5 लाख रुपये दिए, लेकिन न उसे कोई प्रोडक्ट मिला और न ही पैसा वापस. विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई. फिलहाल सभी आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले की गहराई से जांच जारी है. पुलिस अन्य पीड़ितों की तलाश कर रही है, जिन्हें इसी तरह ठगा गया हो.