जंग का रवैया छोड़कर पाकिस्तान से बातचीत करिए, सुलह का रास्ता…’, बोलीं पूर्व CM महबूबा मुफ्ती 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि अगर भारत को आगे बढ़ना है और समृद्ध होना है, तो उसे पाकिस्तान के साथ जंग का ‘प्रलाप’ बंद करना चाहिए, बातचीत और सुलह का रास्ता अपनाना चाहिए.

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पार्टी के 26वें स्थापना दिवस के मौके पर शेर-ए-कश्मीर पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सम्मान के साथ शांति चाहते हैं और जब पाकिस्तान की बात आएगी तो वे देश की विदेश नीति में ‘हस्तक्षेप’ करेंगे.

उन्होंने केंद्र से अपील की है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की बात ‘दिल से’ सुनें. जब तक वे ऐसा नहीं करेंगे, भारत-पाकिस्तान मुद्दा हल नहीं होगा.

‘कश्मीर के लोग आपको दुश्मन नहीं…’

मुफ्ती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैं भारत सरकार से कहना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोग आपके दुश्मन नहीं हैं. हम सम्मान के साथ शांति चाहते हैं. हम दोस्ती के ज़रिए शांति चाहते हैं, युद्ध के ज़रिए नहीं.”

मुफ़्ती ने पूछा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पहलगाम में जो हुआ और ‘कश्मीर’ में जो हो रहा है, उस पर बात करने के लिए आपने दुनिया भर में डेलिगेशन भेजे गए. यह कश्मीर ही है, जिसने संघर्ष के दौरान कठिनाइयों का सामना किया. इसलिए अगर एक कश्मीरी पाकिस्तान से बातचीत की मांग नहीं करेगा, तो और कौन करेगा?”

हबूबा मुफ़्ती ने केंद्र सरकार से सुलह का रास्ता अपनाने की गुजारिश की है.

उन्होंने कहा, “अगर हमारे देश को आगे बढ़ना है, तो युद्ध का राग अलापना बंद करो और (पाकिस्तान के साथ) बातचीत की बात करो. अगर आप दुनिया में अपनी क्षमता साबित करना चाहते हैं और चीन पर विजय पाना चाहते हैं, तो बातचीत शुरू करो और सुलह का रास्ता अपनाओ.”

जम्मू-कश्मीर अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, इस पर ज़ोर देते हुए मुफ़्ती ने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें, तो वे कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकते हैं क्योंकि उन्हें 120 करोड़ लोगों ने चुना है. उनके (मोदी) पास ताकत है. वे बिना बुलाए लाहौर गए, किसी ने उनसे सवाल नहीं किया.

संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले आगामी एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का ज़िक्र करते हुए, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

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