डोनाल्ड को चुप कराओ या भारत में Mcdonald को बंद करा दो…’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बोले दीपेंद्र हुड्डा 

लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की. साथ ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को लेकर भी सरकार से सवाल पूछे, जिसमें वह 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि देश की फौज को नमन करने का प्रस्ताव लाइए, हम साथ हैं. नहीं तो हम लाते हैं, आप साथ दीजिए. फौज का पराक्रम चर्चा का विषय नहीं है. फौज ने अपना काम किया, सत्ता ने क्या किया? भारत की फौज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ फौज में से एक है. विपक्ष ने पूरा समर्थन दिया, कहा कि हम साथ हैं. आपने क्या किया?

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कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हमारी सरकार के समय जब आंख दिखाने की बारी आई, तब हमने अमेरिका को आंख भी दिखाई और हाथ मिलाने की बारी आई तो हाथ भी मिलाया. मुंबई हमले के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद के सेफ हैवन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बीजेपी की विदेश नीति बदल गई है, क्या संघ की विदेश नीति भी बदल गई है? आप यही तय नहीं कर पा रहे हो कि अमेरिका से हाथ मिलाना है या आंख दिखाना है. या तो डोनाल्ड का मुंह बंद कराओ या भारत में मैकडॉनल्ड्स बंद कराओ. भारत एक महाशक्ति है. अमेरिका को भी यह पता चलना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान को एक तराजू पर नहीं तौल सकते.’

us को चुनना होगा भारत के साथ कैसे संबंध चाहिए

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अमेरिका को भी चुनना होगा कि उसे भारत के साथ कैसे संबंध चाहिए. जब तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की, तो पीएम साइप्रस गए. अच्छा संदेश गया. लेकिन असली दुश्मन चीन को संदेश देना था, तो ताइवान चले जाते. विदेश मंत्री बीजिंग चले गए और कहा कि हमारे संबंधों में सुधार हो रहा है. उन्होंने अग्निवरी स्कीम और डिफेंस बजट में कटौती का जिक्र करते हुए सरकार को घेरा. कांग्रेस सांसद ने कहा कि यूपीए के समय भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमानों के 41 स्क्वॉड्रन मंजूर हुए थे, आज धरातल पर 31 स्क्वॉड्रन हैं. हमारी फौज को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस किया जाए, रक्षा बजट बढ़ाया जाए. आज तीन फ्रंट की बात चल रही है. इसलिए सरकार को देश की फौज को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘हम 9 मई को एडवांटेज में थे. देश की भावना थी कि निर्णायक जवाब दिया जाए, 10 तारीख को सीजफायर हो गया. आप बार-बार पीओके की बात करते हैं, देश के सामने अब किस मुंह से इसकी बात करोगे? आप कह रहे कि पाकिस्तान घुटनों पर था, तो सीजफायर की क्या जरूरत थी? पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजाने की भावनाओं पर विराम और युद्धविराम से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति का ट्वीट, विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तान को फोन करके आतंकी ठिकानों पर हमले की बात कहना भी रणनीतिक चूक है. आप खुद कह रहे हैं कि पाकिस्तान के आतंकी और सेना एक हैं, आपने फिर भी यह रणनीतिक चूक की.’

आपका 11 साल से दुनिया घूमने का क्या फायदा हुआ

कांग्रेस सांसद ने कहा कि विदेश मंत्रालय का काम दुनिया में भारत के मित्र राष्ट्रों की संख्या बढ़ाना काम होता है. कितने देश आपके साथ खड़े हुए और कितनों ने पाकिस्तान का साथ दिया, बताइए? एक देश का नाम बताओ, जिसने आतंकी घटना के साथ पाकिस्तान की भी निंदा की हो. पाकिस्तान के साथ चीन, तुर्की, अजरबैजान समेत कई देश थे. आपने 11 साल में जो विदेश भ्रमण किया, उसका सच यह है कि आपको सांसदों के प्रतिनिधिमंडल पर आना पड़ा. आप 11 साल से दुनिया घूम कर क्या कर रहे थे? आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक बिलियन का लोन तब दिया, जब टकराव चल रहा था. विश्व बैंक ने 40 बिलियन डॉलर का निवेश प्रस्ताव पारित किया. पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म का को-चेयरमैन बनाया गया.’

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