बारां: जिले के किशनगंज थाने में हत्या के आरोपी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. घटना के बाद से जिला पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है. परिजनों ने घटना के 24 घंटे बाद भी शव नहीं उठाया है. किशनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही शव रखा हुआ है. इस मामले में मंगलवार को पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने कार्रवाई करते हुए थाने के पूरे स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया है. इसमें थाना अधिकारी विनोद कुमार मीणा सहित 23 कार्मिक शामिल हैं.
जूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम सोमवार को ही हो गया था, लेकिन परिजनों ने शव नहीं उठाया है. पहले परिजनों ने कहा था कि देर रात होने से शव को मंगलवार को उठाया जाएगा, लेकिन मंगलवार सुबह परिजनों ने एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर दी. इसके बाद गतिरोध दोबारा खड़ा हो गया. इस पर पुलिस अधिकारी बातचीत कर रहे हैं. बता दें कि पुलिस ने लोकेश सुमन को रविवार को गिरफ्तार किया था. इसके बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से 5 दिन के पुलिस रिमांड पर उसे भेजा गया. इस रिमांड की अवधि में ही उसकी संदिग्ध मौत हुई है.
पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने बताया है कि एडीएम दिवांशु शर्मा और एडिशनल एसपी राजेश चौधरी परिजनों से चर्चा कर उनकी क्या मांग है, कितनी सहायता दी जा सकती है, इस पर विचार किया जा रहा है. न्याय और परिवार की संवेदना को देखते हुए थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इस पूरे मामले में न्याय दिलाने में जो कदम उठाने चाहिए, वह किए जा रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सामने आ पाएगा कि क्या हुआ है, किस कारण से मौत हुई है.