मान नहीं रहे Trump… पहले 25% टैरिफ, अब 6 भारतीय कंपनियों पर लगाया बैन, तेल का है पूरा खेल

एक ओर जहां अमेरिका की ओर से भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, तो वहीं दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन इतने से ही नहीं मान रहा है. रूस के साथ कारोबार करने पर जुर्माने का ऐलान किया गया, तो वहीं ईरान के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के लेन-देन पर भी भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है और इसके तहत 6 भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया गया है. इनमें एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं.

रूस ही नहीं ईरान से कारोबार भी ट्रंप को मंजूर नहीं
अमेरिका ने जहां रूस के साथ कारोबार करने पर भारत के ऊपर जुर्माने लगाने का ऐलान किया है, तो US के निशाने पर ऐसी भारतीय कंपनियां भी आ गई हैं, जो ईरान के साथ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का लेन-देन करती हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, इसे लेकर 6 भारतीय कंपनियों को कार्यकारी आदेश (E.O.) 13846 के तहत प्रतिबंधित किया गया है. ट्रंप प्रशासन का ये फैसला दरअसल, सीधे तौर पर ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को टारगेट करता है.

Donald Trump प्रशासन की ओर से इन भारतीय कंपनियों पर बैन का ऐलान करते हुए आरोप लगाया गया है कि ये जानबूझकर Irani Petroleum Products की खरीद और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए महत्वपूर्ण लेनदेन में शामिल हैं, जो ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का सीधा उल्लंघन है.

इन कंपनियों पर लगाया गया बैन
अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित की गईं भारतीय कंपनियों में देश के कुछ प्रमुख पेट्रोकेमिकल बिजनेस ग्रुप शामिल हैं. इनमें Kanchan Polymers का नाम है, जिसने तानाइस ट्रेडिंग से पॉलीइथिलीन सहित 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स का आयात और खरीद की है, जिसके चलते उस पर बैन लगाया गया है.

Alchemical Solutions प्राइवेट लिमिटेड बैन की गई भारतीय मूल की कंपनियों की लिस्ट में अगला नाम है और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इसने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच कई कंपनियों से 84 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है.

Ramniklal S Gosalia And Company एक भारत-आधारित पेट्रोकेमिकल कंपनी है, जिसने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से मेथनॉल और टोल्यूनि सहित 22 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रो उत्पादों का आयात किया था.

Jupiter Dye Chem Private Limited भी उन भारतीय कंपनियों की लिस्ट में शामिल है, जिसे अमेरिका की ओर से बैन किया गया है. आरोप है कि इसने जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 49 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के टोल्यूनि सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद की है.

Global Industrial Chemicals Limited ने जुलाई 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 51 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के मेथनॉल सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है, जिसे लेकर ग्लोबल इंडस्ट्रियल को ईओ 13846 की धारा 3(ए)(iii) के अनुसार ईरान से जानबूझकर लेनदेन में शामिल होने के चलते प्रतिबंधित किया गया है.

Persistent Petrochem Private Limited के बारे में बताया गया कि इसने बाब अल बरशा समेत कई कंपनियों से लगभग 14 मिलियन डॉलर मूल्य के मेथनॉल जैसे ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया है, जिसकी शिपिंग अक्टूबर 2024 और दिसंबर 2024 के बीच की गई है. इसलिए इसे भी प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है.

भारत पर फोड़ा 25% का टैरिफ बम
इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से भारत पर भारी-भरकम 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, जो अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा. ट्रंप की ओर से इस 25% Tariff का प्रमुख टारगेट भारत के कई बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्यात क्षेत्र हैं.

इनमें ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, स्टील, एल्युमीनियम, स्मार्टफोन, सोलर मॉड्यूल, मरीन प्रोडक्ट, रत्न, आभूषण और खाद्य व कृषि उत्पाद सभी 25% की सूची में हैं. हालांकि, फार्मा, सेमीकंडक्टर और जरूरी खनिजों को टैरिफ से बाहर रखा गया है. हालांकि, जो सेक्टर Trump Tariff के दायरे में आएंगे उनसे जुड़ी कंपनियों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है.

Advertisements