UP: गोंडा में बाढ़ का खतरा: सरयू नदी खतरे के निशान के करीब, गांवों में दहशत का माहौल

गोंडा:  सरयू नदी का रौद्र रूप एक बार फिर सामने आने लगा है. नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान से मात्र 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। बीते 16 घंटे में 66 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे एल्गिन-चरसड़ी बांध के आसपास बसे गांवों में हड़कंप मच गया है.बुधवार को सरयू नदी में बैराजों से 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे बहुवन मदार मांझा, चंदापुर किटौली, नकहरा (गोंडा) और बेहटा, पारा, मांझा रायपुर, परसावल (बाराबंकी) के लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं.कई गांवों के लोग अब सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन की तैयारी में जुट गए हैं.

कटान और जलभराव से बढ़ी चिंता

विश्नोहरपुर क्षेत्र में साकीपुर और दत्तनगर के मजरे में कटान शुरू हो चुका है. बरसात से जलभराव के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. ब्योंदा माझा के ग्राम प्रधान केशवराम यादव ने बताया कि 2 जुलाई से लापता किसान रामबरन का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है. बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पंकज आर्य ने बताया कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है.  बहुवन मदार मांझा व चंदापुर किटौली को अति संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए बांध पर पत्थर की पिचिंग कराई गई है और अभियंता मौके पर तैनात हैं.

नदी का जलस्तर (एल्गिन ब्रिज पर)

खतरे का स्तर: 106.070 मीटर

वर्तमान जलस्तर: 105.870 मीटर

यदि बारिश का यही क्रम जारी रहा, तो सरयू नदी कभी भी लाल निशान पार कर सकती है, जिससे बाढ़ की स्थति बन सकती है.स्थिति पर जिला प्रशासन और SDRF की पैनी नजर, लेकिन ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है.

Advertisements
Advertisement