राजधानी के भाटागांव इलाके में नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री में खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापा मारकर करीब 700 किलो नकली पनीर और मिल्क पाउडर जब्त किया है। गंदगी और बदबूदार माहौल में सस्ता वनस्पति तेल, मिल्क पाउडर और खतरनाक केमिकल मिलाकर नकली पनीर बनाया जा रहा था।इसकी सप्लाई शहर के कई होटलों, मिठाई दुकानों और डेयरियों में की जा रही थी।
फैक्ट्री में हर तरफ मिली गंदगी
छापे के दौरान टीम को फैक्ट्री में चारों ओर गंदगी दिखाई दी। पनीर को गंदे पानी और बर्फ में रखा गया था, चारों तरफ तेल के टिन, केमिकल की बोतलें और मिल्क पाउडर के पैकेट बिखरे पड़े थे। फैक्ट्री मुरैना (मध्य प्रदेश) के हुकुमचंद बंसल और उनके बेटे अंकुर बंसल चला रहे थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि यह नकली पनीर रायपुर के कई होटलों और मिठाई दुकानों में बेचा जा रहा था। फैक्ट्री में काम कर रहे सभी मजदूर भी मुरैना के ही थे।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं आरोपी
खास बात यह है कि दोनों आरोपी पहले भी रायपुर में नकली पनीर बनाते पकड़े जा चुके हैं। करीब 10 दिन पहले भी एक महिला अधिकारी ने इस फैक्ट्री की जांच की थी, जहां भारी गंदगी मिली थी। बावजूद इसके, कार्रवाई न होने से यह मिलावट का खेल दोबारा शुरू हो गया। इस लापरवाही से फूड सेफ्टी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
फैक्ट्री सील, नमूने भेजे जांच के लिए
बुधवार को सहायक आयुक्त नीतेश मिश्रा, खाद्य अधिकारी साधना चंद्राकर और सिद्धार्थ पांडे की टीम ने फैक्ट्री में छापा मारकर नकली पनीर और मिल्क पाउडर जब्त किया। फैक्ट्री को तत्काल बंद करने और सफाई के निर्देश दिए गए हैं। टीम ने मौके पर सुधार सूचना नोटिस भी जारी की है और पनीर व तेल के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
गौरतलब है कि 17 जुलाई को लिए गए नमूनों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। जनता से अपील, खुला पनीर न खरीदें। खाद्य विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि खुला पनीर खरीदने से बचें और केवल ब्रांडेड पनीर ही इस्तेमाल करें। नकली पनीर से पेट की गंभीर बीमारियां और फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। यदि किसी दुकान पर पनीर की गुणवत्ता संदिग्ध लगे, तो तुरंत शिकायत करें।