सीकर स्थित शेखावाटी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को छात्र संगठनों के बीच जमकर मारपीट हुई। विश्वविद्यालय परिसर में छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया।
दरअसल, फीस बढ़ोतरी के विरोध में सभी संगठन विरोध- प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान छात्रों में विवाद हो गया, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दादिया थाना पुलिस को तत्काल बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 4 छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया।
छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
- एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ढाका ने कहा- शेखावाटी यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन एसएफआई लंबे समय से एक्टिव है और छात्र हितों की मांग उठाता रहा है। यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। आज सुबह एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने नए प्रवेश लेने वाले छात्रों की सहायता के लिए शिविर लगा रखा था। इसी दौरान छात्र संगठन NSUI, ABVP और इंडिपेंडेंस छात्र नेताओं ने एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
- ढाका ने आगे कहा- कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की SFI संगठन निंदा करता है। शिक्षा के मंदिर में इस तरह की झड़प अच्छी नहीं है। यहां छात्र पढ़ने आते हैं, लड़ाई-झगड़ा करने नहीं आते। प्रशासन को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। यूनिवर्सिटी में सिर्फ विचारों की लड़ाई होनी चाहिए, लाठी-डंडों की नहीं।
- NSUI के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने बताया- सुबह प्रवेश प्रक्रिया के दौरान यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई के कार्यकर्ता छात्रों की मदद कर रहे थे। इसी दौरान बाहर से कुछ उपद्रवी लोग आए जो एक छात्र संगठन के भी लोग हैं। उन्होंने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। जब पुलिस आई तो वह लोग भाग गए।
- छात्र नेता राहुल डोरवाल ने आरोप लगाया- यूनिवर्सिटी में कुछ उपद्रवी लोग संगठन की आड़ में रहते हैं। जिन्होंने छात्रों की हेल्प कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। यह लोग यूनिवर्सिटी में बाहर से लोगों को शराब पिलाकर लाए थे। जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
- इंडिपेंडेंस छात्र नेता युवराज सिंह मंगावा ने कहा- एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने हमारे साथ मारपीट की है। यह लोग यूनिवर्सिटी में शराब पीकर आते हैं। प्रशासन ने भी हमारे साथ मारपीट की है और दुर्व्यवहार किया है। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
किसी भी छात्र संगठन ने रिपोर्ट नहीं दी थानाधिकारी अशोक झाझड़िया ने बताया- यूनिवर्सिटी में ज्ञापन देने के बाद छात्र संगठनों में मारपीट हो गई थी। जिसके बाद शांति बहाली के लिए 4 छात्र नेताओं को डिटेन किया गया है। फिलहाल किसी भी छात्र संगठन ने रिपोर्ट नहीं दी है। अगर कोई रिपोर्ट मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।