झालावाड़ के बकानी थाने की पुलिस ने 4 साल पहले घर से भागे प्रेमी जोड़े को मध्य प्रदेश के आगर से बरामद किया है। 9 सितंबर 2021 को बिना किसी को बताए दोनों घर से चले गए थे। दोनों अब बालिग हो चुके हैं। बकानी थानाधिकारी महेंद्र यादव ने इस मामले को सुलझाने के लिए विशेष रणनीति अपनाई। उन्होंने साइबर, टेक्निकल और मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया। थानाधिकारी ने बूंदी जिले के एक व्यक्ति की मदद से एक योजना बनाई और मध्य प्रदेश के आगर में दोनों को ढूंढ निकाला। इस मामले में पिछले चार वर्षों में चार थानाधिकारी बदल चुके हैं। इस दौरान परिजनों की ओर से धरना-प्रदर्शन भी किया गया था। महेंद्र यादव ने डेढ़ महीने पहले ही बकानी थाने का कार्यभार संभाला था और उन्होंने 45 दिन के अंदर इस अनसुलझे मामले को सुलझा लिया।
थानाधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि दोनों एमपी के आगर में मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे थे। दोनों की डेढ़ साल की बच्ची है और युवती फिर से गर्भवती है। पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर बकानी थाने लेकर आई। लड़की को बाल सुधार गृह भेजा गया है, जबकि युवक को बाल न्यायालय में पेश किया गया है।
18 वर्ष की उम्र से पहले बने माता-पिता थानाधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि करीब 4 साल पहले गुमशुदा होने के बाद दोनों एमपी के इंदौर और उज्जैन इलाके में घूमते रहे। इसके बाद करीब साढ़े 3 साल से आगर में रहकर मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे। आज दोनों बालिग हैं, लेकिन इस दौरान उनके एक डेढ़ साल की बेटी है और युवती पांच माह की गर्भवती भी है।
इस प्रकार मिला तकनिकी और मनोवैज्ञानिक सहयोग थानाधिकारी के अनुसार पुलिस ने बकानी से आगर उज्जैन तक करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मोबाइल सीडीआर भी ली, जबकि पकड़े जाने के डर से एक माह बाद एक नई सिम खरीद लेते थे। वहीं दोनों युवक के पिता के सम्पर्क में थे। इसके कारण उनको पकड़ना आसान नहीं था। परिजनों से केवल एक महीने में एक बार ही बात करता था। साथ ही डिलेवरी के समय भी वास्विक नाम की जगह किसी अन्य का सहयोग लिया।
इस पूरे मामले में स्टाफ का मिला बेहतर सहयोग थानाधिकारी महेंद्र यादव ने बताया कि एसपी अमित कुमार को भी इस केस की जानकारी देने पर उन्होंने टीम को पूरी गोपनीयता से कार्य करने के निर्देश दिए थे। इस कार्य में थाने के एएसआई बृजराज सिंह, कॉन्स्टेबल शिवलाल, प्रेम कुमार, राकेश कुमार, महिला कॉन्स्टेबल रजनी, कॉन्स्टेबल हेमंत कुमार का लगातार सहयोग मिला है।