UP: कथावाचक मुकुट मणि यादव और सहयोगी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, जानिए क्या है पूरा मामला

इटावा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा के चर्चित कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संतराम यादव को एक धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में बड़ी राहत दी है. न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की एकल पीठ ने दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है. यह फैसला तब आया जब इटावा की निचली अदालत ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
यह मामला इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहाँ कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी, छलपूर्वक रूप बदलकर जालसाजी करने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले की जड़ें दांदरपुर गांव में हुई एक भागवत कथा से जुड़ी हैं. कथा के दौरान मुकुट मणि और उनके यजमान पक्ष के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा दिए.

कथावाचक के वकील ने हाईकोर्ट में जोरदार दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को झूठे मुकदमे में फंसाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि यजमान पक्ष ने यह मुकदमा कथावाचक द्वारा उनके खिलाफ पहले ही दर्ज कराए गए मुकदमे का बदला लेने के लिए दर्ज कराया था.वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि अभियुक्तों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उनके खिलाफ अपराध साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय साक्ष्य भी मौजूद नहीं हैं.

दूसरी ओर, शासकीय अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध किया, लेकिन दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पाया कि अभियुक्तों के खिलाफ फिलहाल कोई ठोस और निर्णायक सबूत नहीं हैं.कोर्ट ने यह भी कहा कि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और यह मामला पुराने विवाद की पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है.कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्तों को सुधार का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए, उन्हें कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी गई. इन शर्तों में यह शामिल है कि यदि आरोपी जांच में सहयोग करते हैं और गवाहों को प्रभावित नहीं करते हैं, तो उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण मिलेगा.इस मामले ने तब और भी ज्यादा तूल पकड़ा था, जब विवाद के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ युवक किसी व्यक्ति के बाल काटते हुए नजर आ रहे थे. हालांकि, पुलिस ने इस पूरे मामले में दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर कार्रवाई की थी. हाईकोर्ट का यह फैसला फिलहाल मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी के लिए एक बड़ी राहत बनकर आया है.

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