हत्यारों ने बताया कैसे मारा…फुलप्रूफ प्लान का VIDEO:बोले-पता नहीं था पूर्व-विधायक का भाई है, बच जाता तो हमें जिंदा नहीं छोड़ता, इसलिए मार डाला

‘हमें नहीं पता था कि ये जयपाल कांग्रेस के पूर्व विधायक चक्रधर सिदार का भाई है, तो उसको नहीं मारते। मारने के लिए पैसे नहीं लिए हैं। शुभम ने आधे रास्ते में मारने का प्लान बताया। मना करने पर कहा कि हम नहीं मारेंगे तो ये हमें नहीं छोड़ेगा। गांजा लेने जाना है, इसकी गाड़ी भी छीनना है, इसलिए मार डाले।’

ये बातें सचिव जयपाल सिंह की हत्या करने वाले सहयोगी कमलेश यादव ने बताई है। रायगढ़ पुलिस के मुताबिक मारने वालों में मुख्य आरोपी शुभम गुप्ता PM आवास मित्र है, जबकि मदन गोपाल और कमलेश साहू कॉलेज स्टूडेंट्स हैं। तीनों ने मिलकर चलती कार में गला घोंटकर हत्या की। लाश जंगल में फेंककर फरार हो गए थे।

सबसे पहले जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व विधायक चक्रधर सिदार का भाई जयपाल सिंह सिदार (43) पाकरगांव का ग्राम सचिव था। मास्टरमाइंड शुभम गुप्ता (20) प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास मित्र के पद पर काम करता था। 7 जुलाई की सुबह जयपाल सिंह ने अपने बच्चे को स्कूल छोड़ा।

इसी दौरान शुभम ने जयपाल को फोन किया। उसे किसी काम के बहाने कोतबा बुलाया। इस दौरान शुभम अपने 2 अन्य साथी कमलेश यादव और मदन गोपाल को भी साथ ले आया। दोनों साथी कॉलेज के स्टूडेंट हैं। सभी जयपाल की ही कार में रवाना हुए।

शुभम और जयपाल पीछे बैठे थे, जबकि एक साथी गाड़ी चला रहा था। जैसे ही गाड़ी जशपुर रोड की ओर बढ़ी, शुभम और उसके साथियों ने चलती कार में गमछे से गला घोंटकर जयपाल की हत्या कर दी। सिसरिंगा घाटी के जंगल में लाश को फेंककर भाग गए।

अब जानिए किसने दी थी जयपाल को मारने की सुपारी ?

पूर्व विधायक के भाई जयपाल को मारने की सुपारी जेल में बंद शिव साहू ने दी थी। शिव साहू खुद हत्या के मामले में जेल में बंद है। उम्रकैद की सजा काट रहा है। इसने अप्रैल 2022 में सरिया थाना क्षेत्र के देवगांव के रहने वाले 45 साल के युवक की हत्या की थी।

शिव साहू का मृतक जयपाल की पत्नी से अफेयर था। जयपाल इनके अफेयर के बीच में बाधा बन रहा था। उसे रास्ते से हटाने के लिए हत्या की, लेकिन शिव साहू की साजिश नाकाम हो गई। वह हत्या के आरोप में पकड़ा गया।

1 लाख की सुपारी देकर कराई हत्या

पुलिस के मुताबिक करीब 6 महीने पहले जब शिव साहू पैरोल पर जेल से बाहर आया था। उसने शुभम गुप्ता से जयपाल की हत्या के लिए बात की। 1 लाख रुपए में सुपारी तय की। शुभम ने जयपाल की हत्या की सुपारी ले ली।

जून में अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। 3 जुलाई को जब शिव साहू दोबारा पैरोल पर बाहर आया, तो उसने शुभम को एडवांस में 10 हजार रुपए कैश दिए। इसके बाद 7 जुलाई को शुभम और उसके 2 साथियों ने मिलकर जयपाल की हत्या कर दी।

अब जानिए कैसे हुआ मर्डर का खुलासा ?

दरअसल, ग्राम सचिव जयपाल 7 जुलाई से लापता था। पहले तो उसे लापता मानकर पुलिस तलाश में जुटी रही, लेकिन 23 दिन बाद सिसरिंगा घाटी के जंगल में ग्राम सचिव का शव सड़ी-गली हालत में बरामद हुआ। साथ ही लाखा के पास लावारिस हालत में कार मिली।

पुलिस ने 7 जुलाई की घटनाओं को सिलसिलेवार खंगालना शुरू किया। कौन-कौन उस दिन जयपाल से मिला, किसने उसे फोन किया, इसका रिकॉर्ड निकाला गया। इसी जांच में शुभम गुप्ता का नाम सामने आया। इसके बाद पुलिस ने शुभम की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया।शक गहराने पर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई। पुलिस की पूछताछ में पहले तो शुभम ने टालमटोल किया, लेकिन कड़ाई से पूछने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस केस में कुल 4 लोग आरोपी हैं, जिनमें से 3 गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जबकि एक पहले से जेल में बंद है।

पुलिस पूछताछ में क्या-क्या बोले आरोपी ?

आरोपियों ने बताया कि हत्या के बाद उन्होंने जयपाल का मोबाइल बंद कर दिया था। वे शव को लेकर जशपुर रोड पर घूमते रहे। बाद में वे धरमजयगढ़ के पास सिसरिंगा घाटी पहुंचे। उन्होंने शव को जंगल में फेंक दिया। शव को छिपाने के बाद उन्होंने उसका मोबाइल फोन मैनपाट के जंगल में फेंक दिया।

इसके साथ ही, आरोपियों ने कार की नंबर प्लेट भी हटा दी और कुछ दिनों तक उसे चलाते रहे। इसके बाद 21 जुलाई को लाखा के पास सड़क किनारे कार छोड़कर फरार हो गए। सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल गमछा जला दिया।

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