पटना : बिहार में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के दस जिलों—पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान, सुपौल और शिवहर—में अत्यंत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है.इसके अलावा गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और खगड़िया में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
शनिवार को तेज बारिश और ठनका ने राज्य के कई हिस्सों में तबाही मचाई। पटना में दो से तीन फीट तक पानी भर गया, जिससे यातायात ठप हो गया और बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई. जमुई में उलाय नदी के उफान से एक पुल ध्वस्त हो गया, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया. लखीसराय और बांका में सड़कें बह गईं, और बांका में लगभग 20 फीट सड़क पानी में समा गई. पटना के पंडारक, अथमलगोला, मोकामा, घोसवरी और बाढ़ प्रखंडों में हजारों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
आईएमडी के अनुसार, सक्रिय मौसमी प्रणाली और द्रोणिका के प्रभाव से अगले तीन दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा.सुपौल, मधुबनी और दरभंगा में अत्यंत भारी बारिश जबकि किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर और समस्तीपुर में भारी बारिश की संभावना है.अन्य जिलों में मेघगर्जन और ठनका के साथ मूसलधार बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.इस स्थिति से उत्तर बिहार की नदियों—कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा—के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की समस्या और गंभीर हो सकती है