भारी बारिश के मौसम में कानपुर की सड़कें लगातार खस्ताहाल होती जा रही हैं. खस्ताहाल सड़कों में गिरकर राहगीर कहीं घायल हो रहे हैं, तो कहीं मौत का शिकार हो रहे हैं. आम जनमानस का बुरा हाल है. आम जनता नेता विधायकों अधिकारियों के चक्कर लगा लगाकर सड़कें बनवाने की कोशिश करती है, लेकिन होता वही है ढाक के तीन पात.
ऐसे में आम आदमी के परिवार के साथ कोई घटना घटित होती है, तो वह बेहद आक्रोशित हो जाता है.मकानपुर के बर्रा में एक पिता का भी नेता अधिकारी और जिम्मेदारों के प्रति आक्रोश देखने को मिलाय पिता की बच्ची स्कूल जाते समय पानी भरे गड्ढे में गिरकर और चोटिल हो गई. फिर पिता ने शांतिपूर्ण ढंग से अहिंसा धर्म का पालन करते हुए अनोखा विरोध प्रदर्शन किया.
गड्ढे में जाकर लेटा व्यक्ति
घायल बच्ची के पिता का नाम शीलू दुबे है. वो जर्जर सड़क में बारिश के पानी से भरे गड्ढे में चटाई और तकिया ले जाकर जाकर लेट गए. वहां से लगातार गुजरते लोग उनको तमाशा समझने लगे, लेकिन बच्ची के पिता ने जब अपनी बात सबको बताई तो लोगों ने उनका समर्थन किया. पानी वाले गड्ढे में लेटे पिता ने भारत माता की जय करते हुए सरकार के मंत्री, विधायकों, संसद, पार्षद और अधिकारियों से निवेदन किया. बच्ची के पिता ने कहा कि प्लीज यह सड़क बनवा दी जाए.
नेताओं से लगाई गुहार, लेकिन…
यहां से रोज स्कूल जाने के लिए सैकड़ों बच्चे गुजरते हैं. कोई साइकिल से तो कोई वाहन से. शीलू दुबे ने यह प्रदर्शन राम गोपाल चौराहे से लेकर आनंद साउथ सिटी बनपुरवा तक की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त टूटी फूटी सड़क बनवाने के लिए किया. उन्होंने कहा कि वो भाजपा के सांसद, विधायक, मंत्री और नेताओं से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी के कानों पर जूं नहीं रेंग रही हैं. आए दिन हादसे की वजह से बच्चे और आम लोग यहां चोटिल होते हैं.
उन्होंने कहा कि बच्चे किसी के भी हों उनको चोट लगती है, तो तकलीफ उनके पूरे परिवार को होती है. बच्ची के पिता का मानना है कि हो सकता है कि उनका प्रदर्शन देखने के बाद जिम्मेदार अपनी आंखें खोलकर सड़क बनवा दें. उन्होंने विरोध किया ताकि सीएम तक भी मैसेज जाए कि क्षेत्र के सांसद विधायक जनप्रतिनिधि जिम्मेदार अफसर यहां क्या कर रहे हैं.