जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए सीकर के राजेंद्र प्रसाद बगड़िया (37) का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। 2 साल के बेटे दिव्यांशु ने पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। इससे पहले बेटे की पार्थिव देह को देखते ही मां और पत्नी बेसुध हो गई।
रविवार को शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव नागवा पहुंची। धोद पुलिस थाने से नागवा तक 10 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा में 600 से अधिक बाइक और हजारों लोग शामिल हुए। यात्रा के दौरान “राजेंद्र कुमार अमर रहे” के नारे लगे।
सशस्त्र सीमा बल में थी तैनाती
- जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान सीकर के जवान राजेंद्र प्रसाद बगड़िया शहीद हो गए थे। शनिवार सुबह ड्यूटी के दौरान वह बिल्डिंग की छत से गिर गए थे, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। घायल जवान को तुरंत गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
- सेना के अधिकारियों ने जवान के पिता को ही निधन की जानकारी दी थी, मां और पत्नी को तब नहीं बताया गया था। राजेंद्र प्रसाद ने 2012 में सशस्त्र सीमा बल में भर्ती होकर देश सेवा शुरू की थी। डेढ़ साल से वह जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के गंडोह इलाके में 7 बटालियन की F कंपनी में तैनात थे।
- शहीद राजेंद्र बागड़िया के पिता रामनिवास खेती करते हैं। मां और पत्नी गृहिणी हैं। उनका छोटा भाई नरेंद्र विदेश में नौकरी करता है। शहीद के दो बेटियां और एक 2 साल का बेटा है।
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